झड़प में 56 लोगों की मौत, यहां सेना और अर्द्धसैनिक बल के बीच हुई हिंसा, एक भारतीय भी शामिल

56 people including one Indian killed: इस हिंसा में संयुक्त राष्ट्र खाद्य एजेंसी के तीन कर्मियों समेत कम से कम 56 नागरिकों की जान गयी है।

झड़प में 56 लोगों की मौत, यहां सेना और अर्द्धसैनिक बल के बीच हुई हिंसा, एक भारतीय भी शामिल
Modified Date: April 16, 2023 / 08:50 pm IST
Published Date: April 16, 2023 8:28 pm IST

56 people including one Indian killed: खार्तूम।  सूडान की राजधानी खार्तूम एवं अन्य इलाकों में लगातार दूसरे दिन रविवार को सेना और अर्द्धसैनिक बल के बीच झड़प जारी रही, जिसमें एक भारतीय समेत कम से कम 56 लोगों की मौत हो गई। यह घटनाक्रम इस बात का संकेत है कि संघर्षविराम के लिए राजनयिक दबाव के बावजूद दोनों पक्ष अपनी शत्रुता पर विराम लगाने को अनिच्छुक हैं।

राजधानी खार्तूम , नजदीक के ओमदुरमन एवं अन्य स्थानों पर रविवार को भीषण लड़ाई जारी रही, जिसमें बख्तरबंद वाहनों, लड़ाकू विमानों का इस्तेमाल किया गया।

इस हिंसा में संयुक्त राष्ट्र खाद्य एजेंसी के तीन कर्मियों समेत कम से कम 56 नागरिकों की जान गयी है।

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चिकित्सकों के संगठन सूडान डॉक्टर्स सिंडिकेट ने बताया कि उसे लगता है कि दोनों पक्षों के बीच दर्जनों मौते हुई हैं और नागरिकों एवं लड़ाकों समेत 600 लोग घायल हुए हैं। इस घटनाक्रम से, लोकतंत्र बहाल करने की उम्मीदों को एक बार फिर झटका लगा है।

यह हिंसा सशस्त्र बलों के कमांडर अब्देल फतेह अल बुरहान और रैपिड सपोर्ट फोर्स (आरएसएफ) के प्रमुख जनरल मोहम्मद हमदान दागलो के बीच सत्ता के लिए संघर्ष का हिस्सा है।

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दोनों ही जनरल पूर्व सहयोगी हैं जिन्होंने अक्टूबर 2021 में सैन्य तख्तापलट किया था और सूडान का अल्पकालीन लोकतंत्र पटरी से उतर गया था।

हाल के महीनों में अंतरराष्ट्रीय समर्थन से बातचीत होने से लोकतंत्र की ओर व्यवस्थित बदलाव की आस जगी थी, लेकिन बुरहान और दागलो के बीच बढ़ते तनाव से राजनीतिक दलों के बीच समझौता होने की उम्मीद अधर में लटक गई है।

सेना और उसके पूर्व साझेदार तथा अब प्रतिद्वंद्वी रैपिड सपोर्ट फोर्स समूह के बीच महीनों के तनाव के बाद झड़प हुई है।

बुरहान के नेतृत्व वाली सेना ने एक बयान में आरएसएफ के साथ बातचीत से इनकार करते हुए इसे भंग करने की बात कही है और इसे ‘बागी मिलिशिया’ करार दिया है।

वहीं अर्द्धसैनिक समूह ‘आरएसएफ’ ने सशस्त्र बलों के प्रमुख को ‘अपराधी’ बताया है। वर्ष 2021 में देश में तख्तापलट हुआ था और अब इस तरह के संकेत मिल रहे हैं कि दोनों पक्षों के बीच संघर्ष जारी रह सकता है।

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दागलो की अगुवाई वाले आरएसएफ का सशस्त्र बलों में एकीकरण को लेकर सहमति न बन पाने की वजह से यह तनाव उत्पन्न हुआ है।

हिंसा शनिवार सुबह शुरू हुई। राजधानी खार्तूम में अराजक स्थिति है, जहां लड़ाके ट्रक पर रखी मशीन गन से अंधाधुंध गोलीबारी कर रहे हैं। सेना ने शनिवार शाम एक बयान में बताया था कि उसके सैनिकों ने उम्म दुरमान शहर स्थित आरएसएफ के सभी अड्डों पर कब्जा कर लिया है, जबकि लोगों ने बताया कि राजधानी के आसपास अर्द्धसैनिक बल की चौकियों पर हवाई हमले किए गए हैं।

सैन्य मुख्यालय के समीप रहने वाले एक प्रमुख मानवाधिकार वादी वकील तहानी अबास ने कहा , ‘‘लड़ाई अभी रूकी नहीं है।’’

सेना और आरएसएफ ने खार्तूम और अन्य स्थानों पर रणनीतिक जगहों पर अपने नियंत्रण में होने का दावा किया है लेकिन उनके दावों की स्वतंत्र रूप से पुष्ट नहीं हो पायी है।

इस बीच खार्तूम में भारतीय दूतावास ने बताया कि मृतकों में एक भारतीय भी शामिल है, जिसकी पहचान अल्बर्ट ऑगस्टाइन के तौर पर हुई है। वह सूडान में डल ग्रुप कंपनी में काम करता था।

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भारतीय नागरिक की मौत पर संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि खार्तूम की स्थिति चिंताजनक बनी हुई है और भारत उस देश के घटनाक्रमों पर नजर बनाये रखेगा।

भारतीय मिशन ने ट्वीट किया, “बताया गया है कि सूडान में डल ग्रुप कंपनी में काम करने वाले भारतीय नागरिक अल्बर्ट ऑगस्टाइन को कल एक गोली लगी थी, जिस वजह से उनकी मौत हो गई।”

मिशन ने कहा, “दूतावास आगे की प्रक्रिया के लिए परिवार और चिकित्सा अधिकारियों के संपर्क में है।”

जयशंकर ने कहा कि वह भारतीय नागरिक की मौत से ‘बहुत दुखी’ हैं।

उन्होंने ट्वीट किया, “दूतावास परिवार को पूरी सहायता देने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहा है।”

इस बीच, सूडान पर कूटनीतिक दबाव बढ़ता दिखाई दिया। अमेरिकी विदेश मंत्री, संयुक्त राष्ट्र महासचिव, यूरोपीय संघ के विदेश नीति प्रमुख, अरब लीग के प्रमुख और अफ्रीकी संघ आयोग के प्रमुख सहित शीर्ष राजनयिकों ने दोनों पक्षों से लड़ाई रोकने का आग्रह किया है।

 


लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com