पिछले साल दुनिया में जिन बच्चों को टीके की एक भी खुराक नहीं मिली, उनमें 6.4 फीसदी भारत के : संयुक्त राष्ट्र
पिछले साल दुनिया में जिन बच्चों को टीके की एक भी खुराक नहीं मिली, उनमें 6.4 फीसदी भारत के : संयुक्त राष्ट्र
(योषिता सिंह)
संयुक्त राष्ट्र, 15 जुलाई (भाषा) साल 2024 में दुनिया भर में जिन बच्चों को किसी भी टीके की एक भी खुराक हासिल नहीं हुई, उनमें से 6.4 फीसदी भारत के थे। संयुक्त राष्ट्र की एक नयी रिपोर्ट से यह बात सामने आई है।
दक्षिण एशिया के क्षेत्रीय कार्यालय (आरओएसए) के आंकड़ों के मुताबिक, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) और यूनिसेफ की ओर से सोमवार को जारी नये राष्ट्रीय टीकाकरण कवरेज आंकड़ों से यह भी पता चलता है कि “दक्षिण एशिया में एक भी खुराक न हासिल करने वाले बच्चों में से 49.2 फीसदी भारत के थे।”
“शून्य-खुराक वाले बच्चे” शब्द उन बच्चों को संदर्भित करता है, जिन्हें कोई भी नियमित टीकाकरण नहीं मिला है, जिसमें डीटीपी (डिप्थीरिया, टेटनस और पर्टुसिस) टीके की पहली खुराक भी शामिल है। यह कारक टीकाकरण सेवाओं और समग्र स्वास्थ्य सेवा बुनियादी ढांचे तक पहुंच का एक महत्वपूर्ण संकेतक है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि “वैश्विक स्तर पर शून्य खुराक वाले बच्चों में भारत की हिस्सेदारी 6.4 फीसदी” थी।
डब्ल्यूएचओ और यूनिसेफ हर साल वैश्विक और राष्ट्रीय नियमित टीकाकरण कवरेज अनुमान (डब्ल्यूयूईएनआईसी) जारी करते हैं।
वैक्सीन एलायंस ‘गावी’ ने 2024 के डब्ल्यूयूईएनआईसी आंकड़ों का विश्लेषण किया, जो उससे सहायता प्राप्त 57 निम्न और निम्न-मध्यम आय वाले देशों में टीकाकरण की स्थिति बयां करता है।
‘गावी’ ने कहा कि निम्न आय वाले देशों में शून्य खुराक वाले 1.02 करोड़ बच्चों में से लगभग आधे (49 लाख) पांच अधिक जनसंख्या वाले देशों-नाइजीरिया, डीआर कांगो, भारत, पाकिस्तान और इथियोपिया में रहते हैं।
भाषा पारुल प्रशांत
प्रशांत

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