द. कोरिया के अपदस्थ राष्ट्रपति यून पर मार्शल लॉ के संबंध में अतिरिक्त आरोप जोड़े गए

द. कोरिया के अपदस्थ राष्ट्रपति यून पर मार्शल लॉ के संबंध में अतिरिक्त आरोप जोड़े गए

द. कोरिया के अपदस्थ राष्ट्रपति यून पर मार्शल लॉ के संबंध में अतिरिक्त आरोप जोड़े गए
Modified Date: July 19, 2025 / 04:20 pm IST
Published Date: July 19, 2025 4:20 pm IST

सियोल, नौ जुलाई (एपी) दक्षिण कोरिया के अपदस्थ रूढ़िवादी राष्ट्रपति यून सुक येओल पर शनिवार को मार्शल लॉ लागू करने के उनके प्रयासों को लेकर अभियोग में अतिरिक्त आपराधिक आरोप जोड़े गए। यह कार्रवाई उन्हें औपचारिक रूप से पद से हटाए जाने के लगभग तीन महीने बाद की गई है।

यून के विरुद्ध अतिरिक्त आरोप लगाए जाने का अर्थ यह है कि वह अब छह और महीने तक जेल में रहेंगे, क्योंकि उन्हें 3 दिसंबर को घोषित मार्शल लॉ के मामले में सियोल केंद्रीय जिला न्यायालय में मुकदमे का सामना करना है। मार्शल लॉ की घोषणा ने दक्षिण कोरिया को गहरे राजनीतिक संकट में धकेल दिया था।

सियोल की एक अदालत द्वारा स्वतंत्र अधिवक्ता चो यून सुक के नेतृत्व वाली जांच टीम द्वारा दायर गिरफ्तारी वारंट को मंजूरी दिये जाने के बाद यून को पिछले सप्ताह दोबारा जेल भेज दिया गया था।

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चो की टीम के एक वरिष्ठ जांचकर्ता पार्क जी यंग ने बताया कि यून पर सत्ता के दुरुपयोग का आरोप लगाया है, जिससे उनके कुछ कैबिनेट सदस्यों के अधिकारों का हनन हुआ। यह आरोप इसलिए लगाया गया क्योंकि यून ने आपातकालीन मार्शल लॉ को मंजूरी देने के लिए सिर्फ कुछ चुने हुए कैबिनेट सदस्यों को बुलाया था, जबकि दक्षिण कोरियाई कानून के अनुसार, ऐसी किसी भी कार्रवाई के लिए सभी कैबिनेट सदस्यों की मंजूरी जरूरी होती है।

पार्क ने कहा कि यून पर मार्शल लॉ घोषणा की औपचारिक आवश्यकता को पूरा करने के लिए एक आधिकारिक दस्तावेज को गढ़ने का भी आरोप लगाया गया था, जिसे बाद में उसने नष्ट कर दिया।

मार्शल लॉ घोषित करने के बाद, यून ने विपक्षी दलों की बहुलता वाली नेशनल असेंबली में सैनिकों और पुलिस अधिकारियों को भेजा, लेकिन पर्याप्त संख्या में सांसद सदन कक्ष में प्रवेश करने में सफल रहे और उन्होंने यून के आदेश को खारिज कर दिया। इससे यून की कैबिनेट को वह आदेश वापस लेने के लिए मजबूर होना पड़ा।

बाद में यून को सदन में लाए गए महाभियोग का सामना करना पड़ा, जिसमें उनके कुछ सत्ताधारी दल के सांसदों ने उनके राष्ट्रपति के अधिकारों को निलंबित करने के पक्ष में मतदान किया।

एपी यासिर पवनेश

पवनेश


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