भारतीय उपमहाद्वीप में अलकायदा केवल छोटे स्तर पर कर सकता है स्थानीय हमले : अमेरिकी अधिकारी | Al Qaeda in Indian subcontinent can only do small-scale local attacks : US official

भारतीय उपमहाद्वीप में अलकायदा केवल छोटे स्तर पर कर सकता है स्थानीय हमले : अमेरिकी अधिकारी

भारतीय उपमहाद्वीप में अलकायदा केवल छोटे स्तर पर कर सकता है स्थानीय हमले : अमेरिकी अधिकारी

भारतीय उपमहाद्वीप में अलकायदा केवल छोटे स्तर पर कर सकता है स्थानीय हमले : अमेरिकी अधिकारी
Modified Date: November 29, 2022 / 08:50 pm IST
Published Date: September 25, 2020 10:58 am IST

(ललित के झा)

वाशिंगटन, 25 सितंबर (भाषा) वैश्विक स्तर पर प्रतिबंधित अलकायदा इन इंडियन सब कांटिनेंट(एक्यूआईएस) अब संभवत: केवल ‘छोटे पैमाने पर स्थानीय हमले’ करने में सक्षम है। यह बात अमेरिका के आतंकवाद निरोधक केंद्र के निदेशक ने सीनेट की एक समिति में बतायी है।

उल्लेखनीय है कि भारतीय उपमहाद्वीप में अलकायदा की गतिविधियों को बढ़ाने के लिए इस आतंकवादी संगठन के प्रमुख अयमान अल जवाहिरी ने वर्ष 2014 में एक्यूआईएस की स्थापना की थी।

राष्ट्रीय आतंकवाद रोधी केंद्र के निदेशक क्रिस्टोफर मिलर ने सीनेट समिति से बृहस्पतिवार को कहा, ‘‘दक्षिण एशिया में एक्यूआईएस अपने नेता असीम उमर की वर्ष 2019 में अमेरिकी कार्रवाई के दौरान अफगानिस्तान में मारे जाने बाद दोबारा उबरने की कोशिश कर रहा है और संभवत: छोटे स्तर पर क्षेत्रीय हमले करने में ही सक्षम है।’’

‘‘अमेरिका के आंतरिक सुरक्षा पर खतरे’ को लेकर सीनेट की गृह सुरक्षा और सरकारी मामलों की समिति के समक्ष बयान देते हुए मिलर ने बताया कि मार्च के मध्य में एक्यआईएस ने नवयी अफगान जिहाद का विशेष संस्करण प्रकाशित किया जिसमें अमेरिका-तालिबान समझौतों की प्रशंसा की गई थी, जो करार पर अलकायदा नेताओं के रुख को प्रतिबिंबित करता है।

मिलर ने कहा, ‘‘ अंतत: अफगानिस्तान में अलकायदा की उपस्थिति कुछ दर्जन लड़ाकों तक सीमित हो गई है और उनकी प्राथमिकता अपने अस्तित्व को बचाए रखने की है। ऐसे में वे लगातार बनाए गए आतंकवाद रोधी दबाव की वजह से संभवत: देश से बाहर हमले करने में सक्षम नहीं है।’’

मिलर के मुताबिक दो दशक पहले आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक लड़ाई शुरू की गयी थी और अमेरिका ने उल्लेखनीय रूप से आतंकवादी खतरे को कम किया है।

उन्होंने कहा, ‘‘ आज अमेरिका और हमारे सहयोगियों के लिए खतरा कम है लेकिन वर्ष 2001 के मुकाबले अधिक बिखरा हुआ है।’’

भाषा धीरज माधव

माधव

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