Alcohol Found in Space: अंतरिक्ष में मिली शराब, बिना महुआ और अंगूर के फटाफट हो जाती है तैयार!

Alcohol Found in Space: जैसा कि आप जानते हैं अंतरिक्ष में बहुत सारे ग्रह और सितारे हैं। अंतरिक्ष में बहुत सारे रहस्य छिपे हैं।

Alcohol Found in Space: अंतरिक्ष में मिली शराब, बिना महुआ और अंगूर के फटाफट हो जाती है तैयार!
Modified Date: November 29, 2022 / 08:19 pm IST
Published Date: July 4, 2022 5:36 pm IST

वॉशिंगटन। Alcohol Found in Space: जैसा कि आप जानते हैं अंतरिक्ष में बहुत सारे ग्रह और सितारे हैं। अंतरिक्ष में बहुत सारे रहस्य छिपे हैं। जिन्हें जानने के लिए वैज्ञानिक लगातार शोध कर रहे हैं। कई देशों में रिसर्च चल रहा है। इसी क्रम में अंतरिक्ष में अल्कोहल भी मिला है। ये अल्कोहल किसी एस्ट्रोनॉट ने अंतरिक्ष में नहीं फेंकी है, बल्कि ये सूक्ष्म आणविक रूप में हैं। शोधकर्ताओं का अब मानना है कि उन्होंने अंतरिक्ष में प्रोपेनॉल के रूप में अब तक के सबसे बड़े अल्कोहल अणु की खोज की है।>>*IBC24 News Channel के WhatsApp  ग्रुप से जुड़ने के लिए  यहां Click करें*<<

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सितारों के पैदा होने वाले क्षेत्र सैगिटेरियस B2 क्षेत्र में अल्कोहल अणु मिले हैं। ये क्षेत्र हमारी मिल्की वे आकाशगंगा के केंद्र के करीब है। सैगिटेरियस B2 सैगिटेरियस ए के करीब है जो हमारी आकाश गंगा का एक बड़ा ब्लैकहोल है। अंतरिक्ष में इस तरह का आणविक विश्लेषण पिछले 15 वर्षों से चल रहा है। 10 साल पहले चिली में अटाकामा लार्ज मिलिमीटर/सबमिलिमीटर एरे टेलीस्कोप तैनात किया गया, जिससे ये खोज तेज हो गई है। प्रोपेनॉल अणु दो रूपों में पाया जाता है। पहला है सामान्य प्रोपेनॉल जिसे पहली बार उस क्षेत्र में पाया गया है जहां सितारे बन रहे हैं।

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दूसरा है आइसो प्रोपेनॉल जो हैंड सैनेटाइजर बनाने में इस्तेमाल होता है। इन्हें अभी तक आकाश गंगा के बाहर अंतरिक्ष में नहीं देखा गया था। ये खोज उल्कापिंड और धूमकेतु जैसे खगोलीय पिंडों के निर्माण का रहस्य जानने में सहायक हो सकती है। यूनिवर्सिटी ऑफ वर्जीनिया के एस्ट्रोकेमिस्ट रॉब गैरोड ने कहा, ‘प्रोपेनोल के दोनों रूपों का मिलना प्रत्येक के गठन को निर्धारित करने में विशिष्ट रूप से शक्तिशाली है। ऐसा इसलिए क्योंकि दोनों में बहुत समानता है, जिसका अर्थ है कि दो अणु एक ही समय में एक ही स्थान पर मौजूद होने चाहिए।’

ये अणु भी पाए गए

ALMA के जरिए अंतरिक्ष की गहराइयों तक साफ देखा जा सकता है। इसके कारण शोधकर्ताओं को ऐसे अणुओं की पहचान करने में मदद मिलती है जो पहले कभी नहीं दिखाई देते थे। शोधकर्ताओं का कहना है कि ALMA के जरिए सैगिटेरियस B2 में और अधिकर इंटरस्टेलर अणुओं की खोज की जा रही है। ताकि ये पता लगाया जा सके कि सितारे बनाने में किस तरह के अणु जुड़ते हैं। कार्बनिक अणु आइसो-प्रोपाइल साइनाइड और यूरिया भी मिल चुका है।

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