अमेरिका के लोग पत्रकारों से कहीं अधिक अपेक्षा रखते हैं : अध्ययन

अमेरिका के लोग पत्रकारों से कहीं अधिक अपेक्षा रखते हैं : अध्ययन

अमेरिका के लोग पत्रकारों से कहीं अधिक अपेक्षा रखते हैं : अध्ययन
Modified Date: November 29, 2022 / 08:13 pm IST
Published Date: April 14, 2021 11:40 am IST

न्यूयार्क, 14 अप्रैल (एपी) प्रेस के प्रति लोगों की सोच के बारे में एक अध्ययन में यह खुलासा हुआ है कि लोकतंत्र के चौथे स्तंभ का काम उसके द्वारा निर्धारित दायरे से कहीं अधिक और व्यापक है। एक अध्ययन में यह दावा किया गया है।

मीडिया इनसाइट प्रोजेक्ट ने बुधवार को यह अध्ययन जारी किया।

अमेरिकन प्रेस इंस्टीट्यूट के कार्यकारी निदेशक टॉम रोसेंसटियल ने कहा, ‘‘कहीं ना कहीं, यह अध्ययन बताता है कि हमारा दायरा उससे कहीं अधिक व्यापक और बड़ा है, जो हमने परिभाषित कर रखा है। ’’

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अध्ययन में पांच मूल सिद्धांतों या मान्यताओं को परिभाषित किया गया है, जो ज्यादातर पत्रकारों को दिशानिर्देशित करती हैं–सरकारी अधिकारियों और शक्तिशाली लोगों पर नजर रखना, अक्सर अनसुनी कर दी जाने वाली आवाज को उठाना, समाज को सूचना उपलब्ध कराना, लोग तथ्य के जितने अधिक करीब जाएंगे उन्हें सच्चाई का उतना ही अधिक पता चलेगा और समुदाय की समस्याओं का समाधान करने के लिए उन्हें (समस्याओं को) उठाना।

अध्ययन के तहत किये गये सर्वेक्षण में कई सवाल शामिल किये गये थे। हालांकि, सर्वेक्षण में शामिल किये गये लोगों में से दो-तिहाई ने तथ्यान्वेषी मिशन का पूरा समर्थन किया।

अध्ययन के मुताबिक आधे से अधिक लोगों ने इस सिद्धांत को स्वीकार किया कि यह जरूरी है कि मीडिया कमजोर लोगों की आवाज बने। वहीं, आधे से कुछ कम लोगों ने उसकी निगरानी की भूमिका और पारदर्शिता को बढ़ावा देने का पूर्ण रूप से समर्थन किया।

सिर्फ 11 प्रतिशत लोगों ने सभी पांचों विचारों का पूर्ण रूप से समर्थन किया।

रोसेंसटियल ने कहा कि अध्ययन यह संकेत देता है कि लोग अब ऐसी खबरों में रूचि रखते हैं जो समस्याओं का संभावित समाधान बताती हों और वे काम करने वाली चीजों के बारे में सुनना चाहते हैं।

इस राष्ट्रव्यापी सर्वेक्षण में 2,727 लोगों को शामिल किया गया।

अध्ययन में पाया गया कि ज्यादातर अमेरिकी का यह मानना है कि मीडिया उनकी सुध नहीं लेता है और अपनी गलतियों को ढंकने की कोशिश करता है।

लॉस एंजिलिस टाइम्स और न्यूजवीक के पूर्व संवाददाता रोसेंसटियल ने कहा कि चाहे इसे माने या न माने, ज्यादातर पत्रकार अपने पेशे के प्रति काफी गंभीर हैं।

एपी सुभाष पवनेश

पवनेश


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