मिस्र के एक प्राचीन फराओ की नाव को म्यूजियम में आम लोगों के सामने फिर से तैयार किया जा रहा

मिस्र के एक प्राचीन फराओ की नाव को म्यूजियम में आम लोगों के सामने फिर से तैयार किया जा रहा

मिस्र के एक प्राचीन फराओ की नाव को म्यूजियम में आम लोगों के सामने फिर से तैयार किया जा रहा
Modified Date: December 24, 2025 / 06:17 pm IST
Published Date: December 24, 2025 6:17 pm IST

काहिरा, 24 दिसंबर (एपी) मिस्र के एक प्राचीन फराओ (राजा) की नाव को काहिरा स्थित ग्रैंड इजिप्शियन म्यूजियम के प्रदर्शनी हॉल में आम लोगों के सामने फिर से तैयार किया जा रहा है।

कर्मचारियों ने देवदार की लकड़ी की इस नौका के हिस्सों को जोड़ने का कार्य मंगलवार सुबह शुरू किया। इस दौरान दर्जनों पर्यटक इस प्रक्रिया के गवाह बने। यह नौका मिस्र के राजा खुफू दो नौकाओं में से एक है।

ग्रैंड इजिप्शियन म्यूजियम के पुनर्स्थापन विभाग के प्रमुख ईसा जैदान के अनुसार, इस नाव को पूरी तरह से तैयार करने में करीब चार साल का समय लगने की उम्मीद है। उन्होंने बताया कि इस नौका में लकड़ी के कुल 1,650 टुकड़े हैं।

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राजा खुफू ने 4,500 साल से भी पहले प्राचीन मिस्र पर शासन किया था और उन्होंने ही गीजा का महान पिरामिड बनवाया था।

पर्यटन और पुरावशेष मंत्री शरीफ फाथी ने इस अवसर पर कहा, “आज आप 21वीं सदी की सबसे महत्वपूर्ण पुनर्स्थापन परियोजनाओं में से एक के साक्षी बन रहे हैं।”

यह नाव 1954 में खोजी गई दो नौकाओं में से एक है, जो महान पिरामिड के दक्षिणी किनारे के सामने मिली थी। म्यूजियम की वेबसाइट के अनुसार, इसके लकड़ी के हिस्सों की खुदाई 2014 में शुरू हुई थी।

नावों का वास्तविक उद्देश्य स्पष्ट नहीं है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि इन्हें या तो राजा खुफू के अंतिम संस्कार के दौरान उनके शरीर को ले जाने के लिए उपयोग किया गया था, या इन्हें सूर्य देवता ‘रा’ के साथ उनकी परलोक यात्रा के लिए प्रयोग करने के लिये तैयार किया गया था।

एपी

राखी पवनेश

पवनेश


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