अंटार्कटिका में अब तक का सबसे बड़ा हिमखंड टूटकर अलग हो गया है. हिमखंड का आकार करीब 5800 वर्ग किलोमीटर बताया जा रहा है. जो दिल्ली से 4 गुना बड़ा माना जा रहा है. हिमखंड के इतने बड़े टूकड़े के अलग होने का असर पर्यावरण पर भी पड़ सकता है.
वैज्ञानिकों की मानें तो इस हिमखंड के अलग हो जाने से वैश्विक समुद्री स्तर में 10 सेंटीमीटर की वृद्धि हो जाएगी। इस महाद्वीप के पास से होकर गुजरने वाले जहाजों के लिए भी मुश्किलें बढ़ सकती हैं। ब्रिटिश अंटार्कटिक सर्वे के मुताबिक यह हिमखंड 10 और 12 जुलाई के बीच टूटकर अलग हुआ है।
वैज्ञानिकों ने इस हिमखंड के अलग होने के पीछे कार्बन उत्सर्जन को सबसे बड़ी वजह बताया है। उनके मुताबिक कार्बन उत्सर्जन से वैश्विक तापमान में बढ़ोतरी हो रही है जिससे ग्लेशियर जल्दी पिघलते जा रहे हैं।