पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में बाढ़ से 30 लोगों की मौत, हजारों लोग विस्थापित

पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में बाढ़ से 30 लोगों की मौत, हजारों लोग विस्थापित

पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में बाढ़ से 30 लोगों की मौत, हजारों लोग विस्थापित
Modified Date: August 30, 2025 / 09:36 pm IST
Published Date: August 30, 2025 7:20 pm IST

(एम जुल्करनैन)

लाहौर, 30 अगस्त (भाषा) पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में पिछले 24 घंटों में आई भीषण बाढ़ से कम से कम 30 लोगों की मौत हो गई और अधिकारियों को शहरों को आपदा से बचाने के लिए विस्फोटक लगाकर तटबंधों को तोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा।

पंजाब प्रांत के प्रमुख शहरों में शनिवार सुबह से हो रही मूसलाधार बारिश ने लोगों, खासकर बाढ़ प्रभावित इलाकों के निवासियों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं।

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अधिकारियों ने दो सितंबर तक भारी बारिश का अनुमान जताया है, जिससे स्थिति और बिगड़ने की आशंका है।

पाकिस्तान का सबसे अधिक आबादी वाला प्रांत पंजाब लगभग एक हफ्ते से भीषण बाढ़ की चपेट में है और करतारपुर सहित पूरे प्रांत में कम से कम 1,700 गांव जलमग्न हैं।

करतारपुर, सिखों के लिए विशेष महत्व रखता है।

राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) के अनुसार, 26 जून को देश में मानसून की शुरुआत और बाढ़ के बाद से मानसून से संबंधित घटनाओं में लगभग 842 लोगों की मौत हो चुकी है।

पंजाब की वरिष्ठ मंत्री मरियम औरंगजेब ने शनिवार को एक बयान में कहा कि पिछले 24 घंटों के दौरान प्रांत में बाढ़ के कारण कम से कम 30 लोगों की मौत हो गई।

मरियम ने कहा, “बाढ़ के कारण पंजाब में लगभग 15 लाख लोग बेघर हो गए और पिछले दो-तीन दिनों में बाढ़ के पानी में फंसे लगभग पांच लाख लोगों को बचाकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया।”

उन्होंने बताया कि बाढ़ के कारण लगभग 2,000 गांव जलमग्न हो गए और हजारों एकड़ में लगी फसलें भी बर्बाद हो गईं।

अधिकारियों को बाढ़ की बिगड़ती स्थिति के कारण शहरों को आपदा से बचाने के लिए प्रांत में कई जगहों पर विस्फोटक लगाकर तटबंधों को तोड़ना पड़ना।

प्रांतीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (पीडीएमए) के अनुसार, प्रांत के मंडी बहाउद्दीन, चिनिओट और झांग सहित विभिन्न क्षेत्रों में विस्फोटकों का उपयोग करके कम से कम सात तटबंधों को तोड़ा गया।

मंत्री के अनुसार, चिनाब नदी से लगभग 1,169 गांव, रावी नदी से 462 गांव और सतलुज नदी में आई बाढ़ से 391 गांव प्रभावित हुए हैं।

उन्होंने बताया कि प्रभावित लोगों की सहायता और देखभाल के लिए पूरे प्रांत में 351 राहत एवं चिकित्सा शिविर संचालित हैं।

भाषा जितेंद्र नेत्रपाल

नेत्रपाल


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