Australia approves two anti-Covid-19 drugs: Will these be effective against omicron?

ऑस्ट्रेलिया ने कोरोना की दो नई दवाओं को दी मंजूरी, क्या ओमीक्रोन के खिलाफ होंगे प्रभावी?

corona new variant omicron : अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों और मौतों की संख्या बढ़ रही है और ऐसे में ये दवाएं उचित समय पर आई हैं।

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:50 PM IST, Published Date : January 23, 2022/11:48 am IST

(एलिस शुबर्ट, फार्मासिस्ट और पीएचडी उम्मीदवार, सिडनी विश्वविद्यालय; केली चार्ल्स, औषध विज्ञान प्रमुख, औषध विज्ञान के एसोसिएटेड प्रोफेसर, सिडनी विश्वविद्यालय; नियाल व्हीट, एसोसिएट प्रोफेसर, सिडनी फार्मेसी स्कूल, सिडनी विश्वविद्यालय)

सिडनी,  (द कन्वरसेशन) ऑस्ट्रेलिया के स्वास्थ्य मंत्री ग्रेग हंट ने बृहस्पतिवार को घोषणा की कि ऑस्ट्रेलिया के औषधि नियामक ने कोविड-19 के इलाज के लिए दो नई दवाओं के इस्तेमाल को प्रारंभिक मंजूरी दे दी है।

corona new variant omicron  : जिन दवाओं को स्वीकृति मिली है, उनमें से एक ‘लागेवरियो’ है, जिसका निर्माण अमेरिकी दवा कंपनी मर्क शार्पे एंड डोहमे ने किया है और दूसरी दवा ‘पैक्सलोविड’ है जिसका निर्माण फाइजर ने किया है।

कोविड-19 के लगातार बढ़ रहे मामलों के बीच अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों और मौतों की संख्या बढ़ रही है और ऐसे में ये दवाएं उचित समय पर आई हैं।

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संघीय सरकार ने कहा है कि शुरुआत में बुजुर्गों और उन लोगों को प्राथमिकता दी जाएगी, जिनके स्वास्थ्य को अधिक खतरा है। दोनों कंपनियों ने कहा है कि उनकी दवा ओमीक्रोन स्वरूप पर कारगर है, हालांकि, उनका दावा प्राथमिक प्रयोगशाला अनुसंधान पर आधारित है।

ये क्या हैं और कैसे काम करती हैं?

लागेवरियो (जेनेरिक नाम मोलनुपिराविर) वायरस रोधी दवा है। पैक्सलोविड नयी दवा निरमाट्रिलविर और एचआईवी के इलाज में पहले से इस्तेमाल हो रहे रिटोनाविर की दवा का मेल है।

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corona new variant omicron  : निरमाट्रिलविर उस अहम प्रोटीन को काम करने से रोक देती है जो वायरस को अपनी प्रतिकृति बनाने में मदद करता है जबकि रिटोनाविर उन तत्वो को रोकती है जो निमाट्रिलविर को खंडित करते हैं।

क्लीनिकल परीक्षण के आंकड़ों के मुताबिक लागेवरियो और पैक्सलोविड वायरस के स्तर और लक्षणों की गंभीरता को कम करने में कारगर है और इस प्रकार कई लोगों को वायरस के कारण अस्पताल में भर्ती होने या मरने से बचाया जा सकता है।

ओमीक्रोन स्वरूप में कई बदलाव ‘स्पाइक प्रोटीन’ में हुए हैं जिनका इस्तेमाल वायरस हमारी कोशिका में दाखिल होने के लिए करता है। यह एक वजह है जिसके कारण इन दवाओं के ओमीक्रोन जैसे स्वरूपों के खिलाफ प्रभावी होने की उम्मीद है, क्योंकि वे स्पाइक प्रोटीन को निशाना बनाकर काम नहीं करते।

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क्या ये दवाएं ओमीक्रोन के खिलाफ प्रभावी हैं?

इस सप्ताह फाइजर ने पैक्सलोविड के नतीजों की विस्तृत जानकारी मीडिया के लिए जारी की, जिससे संकेत मिलता है कि यह ओमीक्रोन स्वरूप के खिलाफ भी प्रभावी है। ये नतीजे फाइजर के अनुसंधानकर्ताओं द्वारा किए गए दो प्रयोगशाला अध्ययनों पर आधारित हैं और अभी प्रकाशित नहीं हुए हैं। ये दिखाते हैं कि निरमाट्रिलविर चिंतित करने वाले कोविड-19 वायरस के सभी स्वरूपों की प्रतिकृति बनाने की प्रक्रिया को बाधित करने में कारगर है।

corona new variant omicron :  एक स्वतंत्र प्रयोगशाला आधारित अध्ययन को ऑनलाइन जारी किया गया है और इसमें फाइजर एवं मर्क दोनों की दवाओं का आकलन किया गया है। अध्ययन में पाया गया है कि फाइजर के पैक्सलोविड में मौजूद निरमाट्रिलविर ओमीक्रोन को निशाना बनाने और कुल मिलाकर वायरस के स्तर को कम करने में कारगर है।

अध्ययन ने पाया कि मर्क की लागेवरियो दवा भी ओमीक्रोन के खिलाफ काम करती है। मर्क अनुसंधान प्रयोगशाला के प्रमुख ने कहा कि कंपनी को पूरा भरोसा है कि लागेवरियो ओमीक्रोन के खिलाफ कारगर होगी।

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यह अहम है कि ये अनुसंधान प्रयोगशाला में किए गए हैं और हमें अब भी देखना है कि वास्तविक परिस्थितियों में ये ओमीक्रोन संक्रमित लोगों पर कितनी प्रभावी है। ऑस्ट्रेलिया से पहले अमेरिका और ब्रिटेन ने इन दवाओं को मंजूरी दी थी और उम्मीद है कि निकट भविष्य में इनके प्रभावी और सुरक्षित होने की जानकारी मिलेगी।

दुष्प्रभाव क्या है?

यह अहम है कि कोई भी दवा पूरी तरह से सुरक्षित और दुष्प्रभाव रहित नहीं होती। अब तक लागेवरियो को लेकर हुए क्लीनिकल परीक्षण में सात प्रतिशत मरीजों में गंभीर दुष्प्रभाव देखने को मिले हैं, जिनमें आमतौर पर दस्त, मिचली और चक्कर आने की शिकायत शामिल हैं।

परीक्षण के दौरान पैक्सलोविड लेने वाले दो प्रतिशत से कम मरीजों में उल्टी, दस्त और सिरदर्द जैसे दुष्प्रभाव देखने को मिले हैं।

पैक्सलोविड लेने वाले उस मरीज में दुष्प्रभाव का स्तर और बढ़ सकता है, यदि वह उसी समय कोई अन्य दवा भी लेता है। पैक्सलोविड के साथ जो दवाएं नहीं ली जानी चाहिए, उनमें कैंसर रोधी, दर्द निवारक और हृदयरोग संबंधी दवाएं शामिल हैं।

कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में ये दवाएं विश्वसनीय मौका देती हैं, इसके बावजूद टीकाकरण वायरस के खिलाफ अंग्रिम पंक्ति का रक्षा कवच बना रहेगा।

(द कन्वरसेशन)