बांग्लादेश में नरसंहार के 50 साल, अमेरिकी संसद में कहा- बंगाली हिंदुओं को धर्म के आधार पर पाकिस्तानी सेना ने बनाया निशाना | Bengali Hindu massacre victims still fighting for Pakistan apology: US MP

बांग्लादेश में नरसंहार के 50 साल, अमेरिकी संसद में कहा- बंगाली हिंदुओं को धर्म के आधार पर पाकिस्तानी सेना ने बनाया निशाना

बांग्लादेश में नरसंहार के 50 साल, अमेरिकी संसद में कहा- बंगाली हिंदुओं को धर्म के आधार पर पाकिस्तानी सेना ने बनाया निशाना

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:59 PM IST, Published Date : March 24, 2021/5:46 pm IST

वाशिंगटन, (भाषा) एक प्रभावशाली अमेरिकी सांसद ने यहां कहा कि बांग्लादेश में 50 साल पहले नरसंहार के पीड़ित बंगाली हिंदू अब भी पाकिस्तान द्वारा माफी मांगे जाने के लिये संघर्ष कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अमेरिका के लोग पीड़ितों के साथ एकजुटता प्रदर्शित करते हुए उनके साथ खड़े हैं।

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संसद के पाकिस्तान कॉकस की सह अध्यक्ष और डेमोक्रेटिक सांसद शीला जैक्सन ली ने मंगलवार को प्रतिनिधि सभा में अपनी टिप्पणी में कहा कि 25 मार्च को बांग्लादेश में औपचारिक तौर पर नरसंहार शुरू होने के तौर पर मनाया जाता है।

ली ने कहा, “बांग्लादेश में नरसंहार के 50 साल हो चुके हैं और पीड़ित और उनके वंशज अब भी पहचान के लिये संघर्ष कर रहे हैं, वे पाकिस्तान द्वारा अब भी माफी मांगे जाने के लिये संघर्ष कर रहे हैं, और जैसा कि बांग्लादेश की प्रधानमंत्री (शेख हसीना) ने पूर्व में अपने पाकिस्तानी समकक्ष (इमरान खान) से जनवरी 2021 में भी कहा था, वे अब भी न्याय और इस संताप के खत्म होने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।”

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उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी सेना द्वारा की गई बर्बरता और बंगाली हिंदुओं को महज उनके धर्म के आधार पर निशाना बनाए जाने की निश्चित रूप से कड़े शब्दों में निंदा की जानी चाहिए, क्योंकि धार्मिक स्वतंत्रता सबसे पवित्र मानवाधिकार है।

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तत्कालीन पूर्वी पाकिस्तान में 25 मार्च 1971 की रात को पाकिस्तानी सेना ने बर्बर हमला किया था जब बांग्लादेश के संस्थापक शेख मुजीबुर रहमान को 1970 के आम चुनावों में यहां शानदार जीत मिली थी। इसके बाद पाकिस्तान के खिलाफ 1971 में मुक्ति संग्राम की शुरुआत हुई।

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इस युद्ध में पाकिस्तान का विभाजन हुआ और भारतीय सेना की सहायता से बांग्लादेश बना। करीब नौ महीने चली जंग में आधिकारिक तौर पर करीब 30 लाख लोग मारे गए थे।

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