जलवायु परिवर्तन पर डिजिटल शिखर सम्मेलन: बाइडेन ने पीएम मोदी सहित विश्व के 40 नेताओं को भेजा न्यौता

जलवायु परिवर्तन पर डिजिटल शिखर सम्मेलन: बाइडेन ने पीएम मोदी सहित विश्व के 40 नेताओं को भेजा न्यौता

जलवायु परिवर्तन पर डिजिटल शिखर सम्मेलन: बाइडेन ने पीएम मोदी सहित विश्व के 40 नेताओं को भेजा न्यौता
Modified Date: November 29, 2022 / 08:52 pm IST
Published Date: March 27, 2021 6:25 am IST

वाशिंगटन, 27 मार्च (भाषा) अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत विश्व के 40 नेताओं को जलवायु परिवर्तन से निपटने पर वार्ता के मकसद से आयोजित होने वाले ‘नेताओं के शिखर सम्मेलन’ के लिए आमंत्रित किया है। इस शिखर सम्मेलन का मकसद जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए ठोस कदम उठाने के आर्थिक लाभ एवं महत्व को रेखांकित करना है।

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यह दो दिवसीय शिखर सम्मेलन 22 और 23 अप्रैल को होगा और इसका सीधा प्रसारण किया जाएगा। व्हाइट हाउस ने शुक्रवार को कहा, ‘‘यह ग्लासगो में इस साल नवंबर में होने वाले संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन (सीओपी26) के मार्ग में एक मील का पत्थर होगा।’’

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मोदी के अलावा चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, जापान के प्रधानमंत्री योशिहिदे सुगा, ब्राजील के राष्ट्रपति जायर बोलसोनारो, कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो, इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू, सऊदी अरब के शाह सलमान बिन अब्दुलअजीज अल सऊद और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन समेत 40 नेताओं को शिखर सम्मेलन के लिए आमंत्रित किया गया है।

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इन नेताओं के अलावा दक्षिण एशिया से बंग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना और भूटान के प्रधानमंत्री  लोते शेरिंग को भी सम्मेलन मे शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया है। व्हाइट हाउस ने कहा कि इस शिखर सम्मेलन और सीओपी26 का मुख्य लक्ष्य वैश्विक तापमान को 1.5 डिग्री सेल्सियस से नीचे रखने के प्रयासों को गति देना है।

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उसने कहा कि इस सम्मेलन में उन उदाहरणों को भी रेखांकित किया जाएगा कि किस प्रकार जलवायु महत्वाकांक्षा से अच्छे वेतन वाली नौकरियां पैदा होती हैं, नवोन्मेषी तकनीक विकसित करने में मदद मिलती है और कमजोर देशों को जलवायु परिवर्तन के प्रभाव के अनुसार ढलने में सहायता मिलती है। व्हाइट हाउस ने कहा कि शिखर सम्मेलन के आयोजन से पहले अमेरिका पेरिस समझौते के तहत अपने नए राष्ट्रीय निर्धारित अंशदान के रूप में महत्वाकांक्षी 2030 उत्सर्जन लक्ष्य की घोषणा करेगा।

 


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