(शिरीष बी प्रधान)
काठमांडू, 13 जुलाई (एपी) नेपाल में शुक्रवार तड़के भूस्खलन की चपेट में आकर दो बसों के उफनती नदी में बहने के बाद शनिवार को 40 वर्षीय एक भारतीय नागरिक समेत तीन लोगों के शव बरामद किये गये। दोनों बसों में सात भारतीय नागरिकों समेत 50 से अधिक लोग सवार थे। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
नेपाल के चितवन जिले के सिमलताल इलाके में नारायणघाट-मुगलिंग मार्ग पर सात भारतीयों सहित 54 यात्रियों को लेकर जा रही दो बसें भूस्खलन की चपेट में आने के बाद उफनती त्रिशूली नदी में बह गई थीं। इनमें से तीन यात्री तैरकर सुरक्षित बाहर निकल आए थे।
पुलिस ने बताया कि दुर्घटनास्थल से 50 किलोमीटर दूर से पहला शव बरामद किया गया है। मृतक की पहचान भारतीय नागरिक ऋषि पाल शाही के रूप में हुई है।
एक अखबार की खबर में भाई के हवाले से कहा गया है कि शाही मूल रूप से बिहार के मोतिहारी शहर के राजमुनुवा इलाके के रहने वाले थे और नेपाल में रहकर काम करते थे।
पुलिस ने कहा कि शाही का शव चितवन जिले की नारायणी नदी में रेत से आधा ढका पाया गया और शव से एक भारतीय पहचान पत्र बरामद किया गया है।
‘माई रिपब्लिका’ समाचार पोर्टल की खबर के अनुसार, पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) और चितवन जिला पुलिस कार्यालय के प्रवक्ता भेष राज रिजल ने बताया कि मृतक भारतीय नागरिक उस बस का यात्री था जो काठमांडू से गौर जा रही थी।
पुलिस ने कहा कि बचावकर्मियों ने दोपहर में पूर्वी नवलपरासी जिले के गैंदाकोट इलाके से दो और शव बरामद किए। पुलिस ने बताया कि ये दोनों मृतक नेपाली नागरिक थे जो दुर्घटना के बाद से लापता थे। ये दोनों बीरगंज से काठमांडू की ओर जा रही बस के यात्री थे।
इस घटना में लापता हुए अन्य भारतीय नागरिकों की पहचान संतोष ठाकुर, सुरेंद्र शाह, आदित मियां, सुनील, शाहनवाज आलम और अंसारी के रूप में हुई है।
नेपाल के सुरक्षा बलों और गोताखोरों की मदद से बचावकर्मियों ने लापता व्यक्तियों की तलाश शनिवार को फिर से शुरू की।
वहीं, पहले यह जानकारी थी कि दोनों बसों में 60 से ज्यादा लोग सवार थे।
नेपाल पुलिस के अनुसार, नेपाली सेना, नेपाल पुलिस और सशस्त्र पुलिसकर्मियों के साथ-साथ गोताखोर तलाश अभियान फिर से शुरू कर रहे हैं।
बीरगंज से काठमांडू की ओर जा रही एक बस में सात भारतीय नागरिकों सहित 24 लोग सवार थे। वहीं, काठमांडू से गौर जा रही दूसरी बस में 30 लोग सवार थे।
पुलिस अधिकारी के अनुसार, तलाश अभियान में 500 से अधिक सुरक्षाकर्मी शामिल हैं।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि शुक्रवार शाम को तलाश अभियान रोक दिया गया था, क्योंकि पानी का बहाव तेज था और मलबे से भरा था, इसलिए रात में काम करना संभव नहीं था।
उन्होंने बताया कि शनिवार सुबह आठ बजे फिर से तलाश अभियान शुरू किया गया।
उन्होंने कहा, ”सभी संभावित स्थानों पर तलाश की जाएगी और हम यात्रियों को ढूंढने तथा बचाने में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास करेंगे।”
राष्ट्रीय आपदा जोखिम न्यूनीकरण और प्रबंधन प्राधिकरण का अनुमान है कि इस वर्ष मानसून से 18.1 लाख लोग और 4,12,000 घर प्रभावित होंगे।
भाषा संतोष माधव
माधव