लद्दाख और सिक्किम से लगती सीमा पर चीन तान रहा तंबू, चट्टान की तरह डटे भारतीय सैनिक

लद्दाख और सिक्किम से लगती सीमा पर चीन तान रहा तंबू, चट्टान की तरह डटे भारतीय सैनिक

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  • Publish Date - May 20, 2020 / 05:00 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:06 PM IST

नई दिल्ली । पूरी दुनिया को कोरोना संकट में ढ़केलने वाले चीन का दु: साहस बढ़ता जा रहा है। चीन अब भारतीय सीमा पर उत्तर सिक्किम और लद्दाख के पास कई इलाकों में घुसपैठ करता जा रहा है। वहीं स्थिति को देखते हुए भारत भी यहां अतिरिक्त बलों की तैनाती कर रहा है। भारत -चीन दोनों पक्षों के बीच इन इलाकों में कुछ दिनों पहले दो बार हिंसक झड़प हो चुकी है। आधिकारिक जानकारी के मुताबिक भारत और चीन दोनों ने डेमचक, दौलत बेग ओल्डी, गलवान नदी तथा लद्दाख में पैंगोंग सो झील के पास संवेदनशील इलाकों में अतिरिक्त सैनिकों की तैनाती की है।

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गलवान के आसपास के इलाके दोनों पक्षों के बीच कई दशकों से संघर्ष का कारण बने हुए हैं। वर्ष 1962 में भी इस इलाके को लेकर टकराव हुआ था। जानकारी के मुताबिक दोनों पक्षों ने गलवान नदी और पैगोंग सो झील के आसपास अपने सैनिकों की तैनाती की है। इन इलाकों में दोनों पक्षों की ओर से सीमा गश्ती होती है। चीन ने गलवान घाटी इलाके में काफी संख्या में तंबू लगाए हैं, जिसके बाद भारतभी यहां कड़ी नजर बनाए हुए है।

बता दें कि पैंगोंग सो लेक इलाके में 5 मई 2020 को भारत और चीन के करीब सैकड़ों सैनिकों के बीच डंडे जैसे हथियारों से लड़ाई हुई और पथराव भी हुआ जिसमें दोनों पक्षों के सैनिक जख्मी हुए थे। एक अन्य घटना में सिक्किम के नाकू ला दर्रा क्षेत्र में नौ मई को भारत और चीन के करीब 150 सैनिक आमने-सामने हो गए। सूत्रों के मुताबिक घटना में दोनों पक्ष के करीब दस सैनिक घायल हुए थे। दोनों सेनाओं के बीच तनाव पर न तो सेना, न ही विदेश मंत्रालय ने कोई टिप्पणी की है।

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विदेश मंत्रालय ने तनातनी पर पिछले हफ्ते कहा था कि चीन के साथ सीमा पर वह शांति और धैर्य बनाए रखने का पक्षधर है और कहा कि सीमा के बारे में अगर साझा विचार होता तो इस तरह की घटनाओं से बचा जा सकता था। यह पता चला है कि उत्तर सिक्किम के कई इलाकों में अतिरिक्त सैनिकों को भेजा गया है।

चीन के सरकारी मीडिया ने सोमवार (18 मई) को खबर दी थी कि अक्साई चिन क्षेत्र की गलवान घाटी में चीन के सैनिकों ने सीमा नियंत्रण उपाय मजबूत किए हैं। सरकारी ‘ग्लोबल टाइम्स’ ने सेना के अज्ञात सूत्रों के हवाले से खबर दी, ”गलवान घाटी क्षेत्र में चीनी क्षेत्र में हाल में भारत द्वारा अवैध रक्षा निर्माण के बाद चीन ने यह कदम उठाया है।”

बता दें कि भारत ने पीओके के गिलगिट-बालिटिस्तान का सरकारी मीडिया में मौसम जारी करने के बाद चीन ने अपनी गतिविधियां सिक्किम और लद्दाख में अपनी गतिविधियां बढ़ा दी हैं।

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इससे पहले भारत-चीन की सीमा लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) पर तनाव बढ़ रहा है, जिले के कौरिक इलाके में चीनी हेलीकॉप्टर ने भारतीय वायुसीमा का उल्लंघन किया था, बीते  हफ्ते घटी इस घटना में चीनी हेलीकॉप्टर भारतीय सीमा में कई किलोमीटर अंदर तक आया और थोड़ी देर बाद वापस लौट गया, इस महीने दोनों देशों के बीच सीमा पर तनाव बढ़ाने वाली कई घटनाएं हुई हैं।

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कौरिक एलएसी का आखिरी गांव है और इससे पहले भी यहां चीनी सेना की गतिविधियां देखी गई हैं, अगस्त 2017 में जब भारत-चीन भूटान की सीमा में डोकलाम में आमने-सामने आ गए थे तब भी कौरिक के पास चीनी सेना की हरक़तें देखी गई थीं, तब स्थानीय निवासियों ने बताया था कि चीनी सेना ने एलएसी के पास निर्माण कार्य शुरू किए हैं और चीनी हेलीकॉप्टरों की आवाजाही बढ़ गई है।

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मई महीने में दोनों देशों के बीच तनाव और टकराव की कई घटनाएं हो चुकी हैं, 5-6 मई की रात को लद्दाख की पेंगांग झील के किनारे दोनों ओर के सैनिक भिड़ गए जिसमें कई सैनिक जख्मी हुए, लद्दाख के ही दौलत बेग ओल्डी में गलवान नदी के पास भी दोनों तरफ के सैनिकों के बीच तनाव है और सैनिक आमने-सामने बैठे हुए हैं। वहीं उत्तरी सिक्किम के नाकू ला में 9 मई को दोनों तरफ के सैनिकों के बीच मारपीट हुई जिसमें कई सैनिकों को चोटें आईं।