चक्रवात दित्वा से श्रीलंका में कृषि क्षेत्र को व्यापक नुकसान का सामना करना पड़ा: एफएओ

चक्रवात दित्वा से श्रीलंका में कृषि क्षेत्र को व्यापक नुकसान का सामना करना पड़ा: एफएओ

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  • Publish Date - December 24, 2025 / 04:40 PM IST,
    Updated On - December 24, 2025 / 04:40 PM IST

कोलंबो, 24 दिसंबर (भाषा) संयुक्त राष्ट्र के खाद्य एवं कृषि संगठन (एफएओ) ने कहा है कि चक्रवात दित्वा से श्रीलंका में कृषि, मत्स्य पालन और ग्रामीण आजीविका को व्यापक नुकसान पहुंचा है।

एक रिपोर्ट में कहा गया है कि बाढ़ से कृषि भूमि, फसल, पशुधन और मत्स्य संपत्तियों के साथ-साथ घरों में रखा खाद्य भंडार भी नष्ट हो गया। यह रिपोर्ट 22 दिसंबर को जारी की गयी थी।

रिपोर्ट में कहा गया, ‘चक्रवात ऐसे समय आया, जब किसान वर्ष 2026 की मुख्य फसल की बुआई कर चुके थे या बुआई के कार्य में लगे हुए थे।’

इस आपदा से अनुमानित 2,27,000 किसान प्रभावित हुए हैं, जिनमें अधिकांश छोटे स्तर के धान उत्पादक हैं और उन्हें भारी नुकसान उठाना पड़ा।

मत्स्य पालन क्षेत्र में कुल नुकसान का मूल्य 20.5 से 21.5 अरब……. के बीच है।

रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि धान की 1,06,000 हेक्टेयर से अधिक की फसल, जो कि मुख्य खाद्य पदार्थ है, आंशिक या पूर्ण रूप से नष्ट हो गई।

मक्का, सब्जियां, प्याज और हरी मूंग जैसी सभी महत्वपूर्ण फसलें भी नष्ट हो गईं।

एक वेबसाइट के हवाले से निर्यात विकास बोर्ड (ईडीबी) के अध्यक्ष मंगला विजयसिंघे ने बताया कि चक्रवात से प्रभावित क्षेत्रों में श्रीलंका के निर्यातकों को भी कृषि उत्पादों और मसालों के लिए कच्चे माल की कमी का सामना करना पड़ रहा है।

विजयसिंघे ने बताया कि हालिया तबाही से कम से कम 573 निर्यातक प्रभावित हुए हैं।

उन्होंने संवाददाताओं को बताया कि इनमें से अधिकांश कोलंबो, गंपहा, पुत्तलुम, कुरुनागला और कैंडी जिलों से हैं।

उन्होंने कहा कि निर्यातकों को परिवहन में दिक्कतों और विशेष रूप से कृषि आधारित निर्यात वस्तुओं और मसालों के लिए कच्चे माल की कमी जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।

उन्होंने कहा कि कच्चे माल से जुड़ी चुनौतियां अभी भी बनी हुई हैं।

विजयसिंघे ने कहा कि निर्यातकों को हुए नुकसान का आकलन अभी जारी है और प्रक्रिया पूरी होने के बाद सरकार संबंधित सभी एजेंसियों के साथ मिलकर आपदा के बाद की चुनौतियों से निपटने के लिए कदम उठाएगी।

नवंबर 2025 के अंत में श्रीलंका चक्रवात ‘दित्वा’ की चपेट में आया था। इस चक्रवात को इसे पिछले एक शताब्दी में देश को प्रभावित करने वाला सबसे भीषण तूफान बताया गया है।

भाषा राखी नरेश

नरेश