Kanker News: इस जिले में ईसाई बन चुके 19 लोगों ने की घर वापसी, हिंदू रीति-रिवाज से पूजा-पाठ कर अपनाया सनातन धर्म, देखें तस्वीरें

इस जिले में ईसाई बन चुके 19 लोगों ने की घर वापसी, 19 people who had converted to Christianity in Kanker district returned home

  • Reported By: Akhilesh Shukla

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  • Publish Date - December 24, 2025 / 05:22 PM IST,
    Updated On - December 24, 2025 / 05:25 PM IST
HIGHLIGHTS
  • भानुप्रतापपुर में 19 लोगों ने की घर वापसी, हिंदू विधि-विधान से आयोजन
  • पटेल सहित अन्य समाजों के प्रमुख रहे मौजूद
  • धर्मांतरण और आमाबेड़ा हिंसा के विरोध में छत्तीसगढ़ बंद

भानुप्रतापपुरः Kanker News कांकेर जिले के आमाबेड़ा में हुई हिंसा और कथित धर्म परिवर्तन के विरोध में कई सामाजिक संगठनों ने आज छत्तीसगढ़ बंद का आह्वान किया है। इस बीच अब कांकेर जिले के ही भानुप्रतापपुर से एक बड़ी खबर सामने आई है। यहां धर्म परिवर्तन कर चुके 19 लोगों ने एक बार फिर हिंदू धर्म में वापसी की है। हिंदू रीति-रिवाज से पूजा-पाठ इन्होंने घर वापसी की है। हिंदू समाज के लोगों ने इन सभी का स्वागत किया।

बता दें कि आमाबेड़ा क्षेत्र के चिखली गांव के रहने वाले कुछ लोगों ने हिंदू धर्म छोड़कर ईसाई धर्म अपना लिया था। लंबे समय तक ईसाई धर्म में रहने के बाद 19 लोगों ने एक बार फिर हिंदू धर्म में वापसी का फैसला लिया है। पटेल और अन्य समाज के प्रमुखों की मौजूदगी में इन लोगों ने हिंदू रीति-रिवाज से पूजा-पाठ कर वापसी की।

 

धर्मांतरण को लेकर आज छत्तीसगढ़ बंद

Kanker News धर्मांतरण और कांकेर में हुई हिंसा के विरोध में हिंदू संगठनों ने आज छत्तीसगढ़ बंद बुलाया था। हिंदू संगठनों ने सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन किया, जिसके चलते कई इलाकों में दुकानें बंद रहीं। राजधानी रायपुर में हिंदू संगठन के कार्यकर्ता लाठी-डंडा लेकर निकले और बाजार बंद कराने पहुंचे। इस दौरान शहर के अलग-अलग हिस्सों में प्रतिष्ठान बंद कराए गए। बता दें कि बीतें दिनों कांकेर के आमाबेड़ा इलाके में धर्मांतरित व्यक्ति के शव को दफनाने को लेकर हिंसा हुई थी।

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घर वापसी कहां हुई है?

भानुप्रतापपुर क्षेत्र में, आमाबेड़ा के चिखली गांव से जुड़े लोगों की घर वापसी हुई है।

कितने लोगों ने हिंदू धर्म में वापसी की?

कुल 19 लोगों ने पुनः हिंदू धर्म अपनाया है।

घर वापसी किस तरह से कराई गई?

हिंदू रीति-रिवाज, पूजा-पाठ और धार्मिक अनुष्ठानों के साथ।

क्या यह फैसला स्वेच्छा से लिया गया था?

आयोजकों के अनुसार, सभी लोगों ने स्वेच्छा से वापसी की है।

छत्तीसगढ़ बंद क्यों बुलाया गया था?

धर्मांतरण और कांकेर के आमाबेड़ा क्षेत्र में हुई हिंसा के विरोध में बंद का आह्वान किया गया था।