100% वैक्सीनेशन के बावजूद यहां आ गई कोरोना की लहर, बच्चे भी आए चपेट में, दुनिया के लिए एक नई चुनौती बनी

100% वैक्सीनेशन के बावजूद यहां आ गई कोरोना की लहर, बच्चे भी आए चपेट में, दुनिया के लिए एक नई चुनौती बनी

100% वैक्सीनेशन के बावजूद यहां आ गई कोरोना की लहर, बच्चे भी आए चपेट में, दुनिया के लिए एक नई चुनौती बनी
Modified Date: November 29, 2022 / 08:06 pm IST
Published Date: September 9, 2021 5:21 pm IST

यरूशलम। covid third wave israel :इज़रायल दुनिया में कोविड-19 से मुक्त होने वाले शुरुआती देशों में था, लेकिन अब दुनिया में महामारी का सबसे बड़ा हॉटस्पॉट बन गया है। इस देश की सारी आबादी का टीकाकरण हो चुका था, यहां सितंबर के पहले हफ्ते में प्रति व्यक्ति केसलोड किसी भी जगह से ज्यादा था। जॉन हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के आंकड़ों के मुताबिक तालिका में इसकी टीकाकरण दर नीचे आ गई है।

covid third wave israel : इस देश की आबादी मात्र 90 लाख है, जब ज्यादातर यूरोप और यूएस में लॉकडाउन लगा हुआ था तभी यहां सब कुछ अनलॉक हो चुका था। लेकिन अब वहां फिर से बढ़ते मामलों से यह सवाल उठने लगे हैं कि वैक्सीन तेजी से संक्रमण फैलाने वाले डेल्टा वेरिएंट पर असर कर भी रही है या नहीं?

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यहां रोज़ाना करीब 1 लाख इजरायलियों को टीका लगाया जा रहा है, उनमें से अधिकांश तीसरा शॉट लेने वाले हैं। ब्लूमबर्ग के आबादी के पूरी तरह टीका लगने की जानकारी रखने वाले वैक्सीन ट्रैकर के मुताबिक अप्रैल से इजरायल का नाम सूची में नीचे आता गया है, अप्रैल से इसका नंबर 1 से 33 पर आ गया है।

डेल्टा वेरिएंट के फैलने के साथ ही इजरायल में मामलों का बढ़ना शुरू हो गया और 2 सितंबर तक यहां प्रतिदिन 11,316 मामले देखे गए जो अब तक का सबसे ज्यादा मामले हैं, हालांकि गंभीर रूप से बीमार होने वाले और अस्पताल में भर्ती होने वाले लोगों की संख्या पिछली कोरोना लहर से बढ़ी है। संक्रमण बढ़ने की वजह लोगों का खासकर बच्चों को वैक्सीन नहीं लगना है।

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10 गुना ज्यादा गंभीर संक्रमण

शोध बताती है कि जिन्हें टीका नहीं लगा है उन्हें टीका लगने वालों की तुलना में 10 गुना ज्यादा गंभीर संक्रमण हो रहा है, यहां तक कि डेल्टा वेरियंट के इम्यूनिटी कमजोर कर देने के बाद भी वैक्सीन सुरक्षा प्रदान कर रही है। दरअसल, सार्वजनिक स्वास्थ्य अधिकारी और राजनेता, महामारी के हालिया प्रकोप में बुजुर्गों की सुरक्षा को सुनिश्चित कर रहे हैं जबकि मामले बच्चों के ज्यादा आ रहे हैं।

महामारी विशेषज्ञों का कहना है कि 30 से ऊपर के लोगों में वैक्सीन का बूस्टर डोग लग जाने के बाद पूरी तरह से वैक्सीन लगे स्टाफ को रखने की पाबंदी की वजह से मामले कम हुए हैं, पिछले हफ्ते आने वाले मामलों में ज्यादातर 12 साल तक की उम्र के बच्चे हैं।

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लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com