धनखड़ ने खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा को लेकर वैश्चिक चिंताओं को रेखांकित किया

धनखड़ ने खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा को लेकर वैश्चिक चिंताओं को रेखांकित किया

धनखड़ ने खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा को लेकर वैश्चिक चिंताओं को रेखांकित किया
Modified Date: November 29, 2022 / 08:05 pm IST
Published Date: November 13, 2022 3:29 pm IST

(बंटी त्यागी)

नोम पेन्ह, 13 नवंबर (भाषा) उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने रविवार को खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा पर वैश्विक चिंताओं को रेखांकित किया और नौवहन एवं ऊपर से उड़ान भरने (ओवरफ्लाइट) की स्वतंत्रता के साथ मुक्त, खुले और समावेशी हिंद-प्रशांत को बढ़ावा देने में पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन (ईएएस) तंत्र की भूमिका पर जोर दिया।

धनखड़ ने यहां 17वें पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन (ईएएस) को संबोधित करते हुए 2023 में अंतरराष्ट्रीय जुआर वर्ष में पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन के सदस्यों के पूर्ण योगदान का भी आह्वान किया।

 ⁠

उपराष्ट्रपति ने खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा को लेकर बढ़ती वैश्विक चिंताओं को रेखांकित किया और नौवहन और ऊपर से उड़ान भरने की स्वतंत्रता के साथ मुक्त, स्वतंत्र और समावेशी हिंद-प्रशांत क्षेत्र को बढ़ावा देने में ईएएस तंत्र की भूमिका पर जोर दिया।

अमेरिका, भारत और कई अन्य विश्व शक्तियां इस क्षेत्र में चीन की बढ़ती सैन्य मौजूदगी की पृष्ठभूमि में एक स्वतंत्र, मुक्त और संपन्न हिंद-प्रशांत क्षेत्र सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर चर्चा कर रही हैं।

चीन लगभग सभी विवादित दक्षिण चीन सागर पर अपना दावा करता है, हालांकि ताइवान, फिलीपीन, ब्रुनेई, मलेशिया और वियतनाम इसके कुछ हिस्सों पर दावा करते हैं। बीजिंग ने दक्षिण चीन सागर में कृत्रिम द्वीप और सैन्य प्रतिष्ठान बनाए हैं। चीन का पूर्वी चीन सागर में भी जापान के साथ क्षेत्रीय विवाद है।

भारत, ऑस्ट्रेलिया, जापान और अमेरिका के क्वाड समूह ने हिंद-प्रशांत में यथास्थिति बदलने या तनाव बढ़ाने वाले किसी भी एकतरफा कदम का कड़ा विरोध किया है।

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ कंबोडिया की तीन दिवसीय यात्रा पर हैं। उन्होंने शिखर सम्मेलन के इतर अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के साथ संक्षिप्त मुलाकात भी की।

आसियान (दक्षिण-पूर्व एशियाई राष्ट्रों का संघ) शिखर सम्मेलन यूक्रेन संघर्ष और ताइवान जलडमरूमध्य में चीन की सैन्य मौजूदगी से उत्पन्न भू-राजनीतिक उथल-पुथल के बीच हो रहा है।

कंबोडिया इन शिखर सम्मेलनों की मेजबानी आसियान के वर्तमान अध्यक्ष के रूप में कर रहा है। इस वर्ष आसियान-भारत संबंधों की 30वीं वर्षगांठ है और इसे आसियान-भारत मैत्री वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है।

दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों का संघ (आसियान) एक अंतरराष्ट्रीय संगठन है, जिसके दक्षिण-पूर्व एशिया में 10 सदस्य देश हैं जिनमें ब्रुनेई, कंबोडिया, इंडोनेशिया, लाओस, मलेशिया, म्यांमा, फिलीपीन, सिंगापुर, थाईलैंड और वियतनाम शामिल हैं।

पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में आसियान सदस्य देशों के अलावा, भारत, चीन, जापान, कोरिया गणराज्य, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, अमेरिका और रूस शामिल हैं।

जयशंकर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के साथ यात्रा पर हैं, जो यहां आसियान-भारत शिखर सम्मेलन और 17वें पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे हैं।

धनखड़ ने शनिवार को जन स्वास्थ्य, नवीकरणीय ऊर्जा और उन्नत कृषि के क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के लिए आसियान-भारत विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी कोष में 50 लाख अमेरिकी डॉलर के अतिरिक्त योगदान की घोषणा की।

भाषा अमित सुरेश

सुरेश


लेखक के बारे में