Donald Trump on Nobel Prize: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर नोबल शांति पुरस्कार को लेकर बड़ा बयान दिया है। ट्रंप ने कहा है कि अगर उन्हें यह पुरस्कार नहीं मिला तो यह अमेरिका के लिए अपमान से कम नहीं होगा। उन्होंने अपने भाषण में कई युद्धों को खत्म करने का श्रेय खुद को दिया और खुद को नोबल पुरस्कार देने की वकालत की।
वर्जीनिया पहुमचे हुए थे ट्रंप
ट्रंप ने वर्जीनिया के क्वांटिको में टॉप मिलिट्री कमांडर्स की मीटिंग में कहा कि अमेरिका इस समय अपराध और अवैध प्रवासन (इमीग्रेशन) के कारण आंतरिक युद्ध जैसी स्थिति से जूझ रहा है। जब उनसे पूछा गया कि क्या उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार मिलेगा, तो उन्होंने साफ कहा, “बिल्कुल नहीं। वे इसे किसी ऐसे व्यक्ति को देंगे जिसने कुछ नहीं किया।”
Donald Trump on Nobel Prize: डोनाल्ड ट्रंप पिछले कई महीनों से दावा करते आ रहे हैं कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव को खत्म करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि उन्होंने ‘सात युद्धों को समाप्त किया’ है, जिनमें भारत-पाक के बीच हालिया तनाव भी शामिल है। हालांकि भारत ने बार-बार इन दावों का खंडन किया है और स्पष्ट किया है कि तनाव को खत्म करने का फैसला द्विपक्षीय था।
कई देशों के बीच युद्ध रुकवाने का दावा
ट्रंप ने अमेरिकी कॉर्नरस्टोन इंस्टीट्यूट के एक कार्यक्रम में भी कहा, “हम शांति समझौते कर रहे हैं और युद्ध रोक रहे हैं। हमने भारत-पाकिस्तान, थाईलैंड-कंबोडिया समेत कई देशों के बीच युद्ध को रोका है।” उन्होंने रूस-यूक्रेन युद्ध के बारे में कहा कि अगर यह युद्ध रुका तो ही उन्हें नोबल पुरस्कार मिलेगा।
ट्रंप ने उन देशों के नाम लिए जिनके बीच युद्ध रोकने का श्रेय उन्होंने अपने ऊपर लिया, जिनमें आर्मेनिया-अजरबैजान, कोसोवो-सर्बिया, इजरायल-ईरान, मिस्र-इथियोपिया, रवांडा-कांगो भी शामिल हैं।
Donald Trump on Nobel Prize: यह बयान ऐसे समय में आया है जब ट्रंप अपनी विदेश नीति की उपलब्धियों को लेकर लगातार जोर दे रहे हैं और नोबल शांति पुरस्कार पाने के लिए अपनी दावेदारी मजबूत करना चाहते हैं। हालांकि विशेषज्ञों का मानना है कि नोबल पुरस्कार के लिए यह दावा विवादित और अनिश्चित है।