राजेश राज/रायपुर: पूर्व सीएम और राजनांदगांव से लोकसभा प्रत्याशी भूपेश बघेल पर विरोधी ही नहीं आरोप लगा रहे बल्कि अपने भी कठघरे में खड़ा कर रहे हैं। सत्ता से बाहर होते ही कांग्रेस नेता और कार्यकर्ता खुलकर अपने नेता पर आरोप लगा रहे हैं। कभी लेटर तो कभी सार्वजनिक मंच से निशाना साधा जा रहा। लेकिन अब आरोप लगाने वाले कार्यकर्ताओं को अपनी जान का खतरा महसूस हो रहा है।
दरअसल, सुरेंद्र दास वैष्णव, अरुण सिसोदिया और राम शुक्ला ये तीन नाम कुछ दिनों से सुर्खियों में छाए हैं। कभी अपने बयान तो कभी चिट्ठी लिखकर इन्होंने पार्टी में हलचल मचा रखी है। दरअसल इन तीनों ही नेताओं के निशाने पर पूर्व सीएम बघेल हैं। ऐन चुनाव से पहले कांग्रेस के अंतरविरोध को जाहिर करने से गुरेज़ नहीं करने वाले इन नेताओं को अब डर सता रहा है।
कांग्रेस रामकुमार शुक्ल ने रायपुर कलेक्टर को पत्र लिखकर कहा है कि चुंकि उन्होंने पूर्व सीएम भूपेश बघेल के खिलाफ आरोप लगाया है, लिहाजा उन्हें डर है कि उन पर हमला हो सकता है। इसलिए, आचार संहिता के लिहाज से उनके जो लाइसेंसी रिवाल्वर जब्त की गई है, उसे उन्हें लौटा दी जाए। उनके इस पत्र ने बीजेपी को हमला बोलने का एक ओर मौका दे दिया है।
अपने ही नेताओं के बयान और लेटर बम से घायल कांग्रेस पार्टी और नेता इन सबके लिए बीजेपी को ही जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। बहरहाल मैदान राजनीति हो या फिर युद्ध का, लड़ाई में दुश्मनों की ताकत से ज्यादा अपनों की गद्दारी ने ज्यादा नुकसान किया है और इस पैमाने पर छत्तीसगढ़ कांग्रेस पार्टी कुछ ज्यादा ही मुश्किल में नजर आ रही है।..