सेना के पूर्व कैप्टन को आधी रात दी गई फांसी, बंगबंधु शेख मुजीबुर्रहमान की हत्या का मामला

सेना के पूर्व कैप्टन को आधी रात दी गई फांसी, बंगबंधु शेख मुजीबुर्रहमान की हत्या का मामला

सेना के पूर्व कैप्टन को आधी रात दी गई फांसी, बंगबंधु शेख मुजीबुर्रहमान की हत्या का मामला
Modified Date: November 29, 2022 / 08:11 pm IST
Published Date: April 12, 2020 6:17 am IST

ढाका। बांग्लादेश में सेना के एक पूर्व कैप्टन को फांसी दे दी गई है। सेना के पूर्व कैप्टन अब्दुल मजीद 1975 के तख्तापलट में शामिल थे, इसी तख्तापलट में बांग्लादेश के संस्थापक बंगबंधु शेख मुजीबुर्रहमान की हत्या कर दी गई थी। अब्दुल मजीद को शनिवार रात स्थानीय समयानुसार 12 बजकर एक मिनट पर केरानीगंज में ढाका सेंट्रल जेल में फांसी दे दी गई है।

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जेलर ने बताया कि अब्दुल मजीद को फांसी देकर मौत की नींद सुला दिया गया। लगभग 25 साल तक भारत में छिपे रहने के बाद उसे मंगलवार को ढाका से गिरफ्तार किया गया था। शुक्रवार को मजीद की पत्नी और चार अन्य संबंधियों ने जेल में उससे दो घंटे मुलाकात की थी। इससे पहले बांग्लादेश के राष्ट्रपति अब्दुल हामिद ने मंगलवार को उसकी दया याचिका खारिज कर दी थी, जिसके बाद उसे फांसी देने का रास्ता साफ हो गया था।

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मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार अब्दुल ने बांग्लादेश पुलिस को पूछताछ में बताया था कि वह कोलकाता में पिछले 23 सालों से छिपकर रह रहा था। माजिद ने सार्वजनिक रूप से स्वीकार किया था कि उसने बंगबंधु रहमान की हत्या की है। माजिद, रहमान की हत्या में शामिल रहे उन दर्जनों लोगों में से एक है जिनकी फांसी की सजा को 2009 में सुप्रीम कोर्ट ने बरकरार रखा था।

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पीएम शेख हसीना, रहमान की बेटी हैं। हसीना इस घटना में बच गई थीं क्योंकि उस वक्त वह अपनी बहन के साथ जर्मनी के दौरे पर थीं। उस घटना में रहमान के परिवार में सिर्फ यही दो बहनें जिंदा बच पाई थीं। बताया जाता है कि उनकी बाद की सरकारों ने रहमान के हत्यारों को कूटनीतिक मिशन पर विदेश भेज दिया था।


लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com