Pervez Musharraf : नई दिल्ली। पकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति जनरल परवेज मुशर्रफ की मौत की खबरों पर उनके परिवार वालों ने विराम लगा दिया है। बताया जा रहा है कि उनकी हालत बेहद नाजुक बताई जा रही है। पिछले 3 सप्ताह से परवेज मुशर्रफ दुबई के एक अस्पताल में भर्ती है।
मिली जानकारी के अनुसार उन्हें एमाइलॉयडोसिस जैसी गंभीर बीमारी ने जकड़ लिया है। तबियत बिगड़ने के बाद उन्हें वेंटिलेटर पर शिफ्ट किया गया था। इस बीच राहत वाली बात है कि उन्हें अब वेंटिलेटर सपोर्ट से हटा दिया गया है। बता दें एक पाकिस्तानी टीवी चैनल ने ये दावा किया था कि परवेज मुशर्रफ को दिल और अन्य बीमारियों के चलते अस्पताल में भर्ती कराया गया। इसके बाद उन्हें दुबई में वेंटिलेटर पर रखा गया था। इसके बाद चैनल ने दावा किया कि बीमारी से लड़ते हुए शुक्रवार को उनका निधन हो गया।
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इसके बाद ये खबर तेजी से फैल गई की उनका निधन हो गया है। जिसके बाद परवेज मुशर्रफ की पार्टी ऑल पाकिस्तान मुस्लिम लीग (APML) ने उनके निधन की खबरों को खारिज कर दिया है। पार्टी के अलावा मौत की खबर वायरल होने के बाद परवेज मुशर्रफ के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से उनके परिवार ने जानकारी दी कि वह अब वेंटिलेटर पर नहीं हैं। परिवार वालों की तरफ से ट्वीट कर कहा गया कि ‘अपनी बीमारी एमाइलॉयडोसिस के कारण पिछले 3 सप्ताह से अस्पताल में भर्ती हैं। उनकी हालत गंभीर है। उनका रिकवरी कर पाना काफी मुश्किल है। उनके अंग खराब हो रहे हैं। उनके लिए दुआ करें।’ बताया गया कि मुशर्रफ को दिल और दूसरी स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हैं। डॉक्टरों की एक स्पेशल टीम मुशर्रफ के स्वास्थ्य पर 24 घंटे नजर बनाए हुए है।
पकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति रा चुके जनरल परवेज मुशर्रफ करगिल युद्ध के वक्त पाकिस्तानी सेना के प्रमुख थे। माना जाता है कि उन्होंने करगिल को लेकर तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को अंधेरे में रखा था। मुशर्रफ ने 1999 में उस वक्त सैन्य तख्तापलट कर दिया, जब नवाज शरीफ श्रीलंका में थे।
बाद में उन्होंने खुद को पाकिस्तान का राष्ट्रपति घोषित कर दिया। इसके बाद पाकिस्तान में 12 अक्टूबर 1999 को सैन्य तख्तापलट हुआ। इसके बाद इस रक्तविहीन क्रांति में नवाज पर श्रीलंका से आ रहे मुशर्रफ के विमान का अपहरण करने और आतंकवाद फैलाने का आरोप लगाने के बाद गिरफ्तार कर लिया गया। बाद में उन्हें परिवार के 40 सदस्यों के साथ सऊदी अरब निर्वासित कर दिया गया था। 1997 के आम चुनावों में नवाज शरीफ की जीत हुई और उन्होंने प्रधानमंत्री का पद संभाला। नवाज शरीफ ने जनरल परवेज मुशर्रफ को चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ बनाया था।
जनरल परवेज मुशर्रफ ने पाकिस्तान पर 1999 से 2008 तक शासन किया। बता दें इमरान खान सरकार में सूचना मंत्री रहे फवाद चौधरी एक समय में मुशर्रफ के प्रवक्ता थे। मुशर्रफ को पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो की हत्या और लाल मस्जिद के मौलवी के मारे जाने के मामले में भगोड़ा घोषित किया गया है। पूर्व सैन्य शासक इलाज के लिए मार्च 2016 में दुबई गए थे और तब से वापस नहीं लौटे हैं।
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