Former South Korean military dictator Chun Du-Hwan dies

नहीं रहे दक्षिण कोरियाई के पूर्व सैन्य तानाशाह, 1979 में तख्तापलट के बाद संभाली थी सत्ता

पुलिस ने पहले कहा था कि चुन को दिल का दौरा पड़ा और आपात अधिकारी उनके सियोल स्थित आवास पर पहुंचे।

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:37 PM IST, Published Date : November 23, 2021/9:50 am IST

सियोल। (एपी) दक्षिण कोरिया के पूर्व सैन्य तानाशाह चुन डू-ह्वान का 90 वर्ष की उम्र में मंगलवार को निधन हो गया। उन्होंने 1979 के तख्तापलट के बाद सत्ता संभाली थी और गलत कार्यों के लिए जेल जाने से पहले, पद पर रहते हुए लोकतंत्र समर्थक विरोध को बेरहमी से कुचल दिया था।

आपात सेवाओं से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि चुन का निधन उनके घर पर ही हुआ। पुलिस ने पहले कहा था कि चुन को दिल का दौरा पड़ा और आपात अधिकारी उनके सियोल स्थित आवास पर पहुंचे।

यह भी पढ़ें :  कृषि कानूनों की वापसी पर पूर्व सीएम उमा भारती की प्रतिक्रिया, की पीएम मोदी की तारीफ, तो बीजेपी कार्यकर्ताओं पर उठाए सवाल

चुन के 1980 के दशक के शासन के दौरान सैकड़ों लोकतंत्र समर्थक प्रदर्शनकारी मारे गए थे और हज़ारों को जेल में डाल दिया गया था, लेकिन वर्षों के तानाशाही शासन के बाद उन्होंने कुछ उदारीकरण की अनुमति दी। जनता के दबाव में, उन्होंने देश के इतिहास में पहले प्रत्यक्ष और स्वतंत्र चुनाव की अनुमति दी।

यह भी पढ़ें :  50 हजार रुपए लेकर भी मृतक के परिजनों को पैसे के लिए दिखा रहे थे खाकी का रौब, थाना प्रभारी निलंबित

चुन को 1988 में पद छोड़ने के बाद भारी आलोचना का सामना करना पड़ा और गिरफ्तार होने से पहले उन्होंने एक बौद्ध मंदिर में दो साल तक शरण ली। उन पर भ्रष्टाचार, विद्रोह और राजद्रोह का मुकदमा चलाया गया और उन्हें दोषी ठहराए जाने पर मौत की सजा सुनाई गई। 1997 में राष्ट्रीय सुलह की कोशिश में उनकी मौत की सजा माफ कर दी गई थी।

यह भी पढ़ें :  लगातार 4 साल से स्वच्छता सर्वेक्षण में पहले नंबर पर रहने के बाद दूसरे स्थान पर पहुंचा अंबिकापुर, जानिए वजह

चुन सेना में मेजर जनरल थे, जब उन्होंने दिसंबर 1979 में अपने सैन्य साथियों के साथ सत्ता पर कब्जा कर लिया था। टैंक और सैनिकों को सियोल में उतारकर उन्होंने तख्तापलट को अंजाम दिया था। सैन्य तख्तापलट से करीब दो महीने पहले उनके गुरु पार्क चुंग-ही की खुफिया प्रमुख द्वारा देर रात एक पार्टी के दौरान हत्या कर दी गई थी।