मुस्लिमों के ईद उल अजहा मनाने के साथ हजयात्रियों ने शुरू कीं हज की अंतिम रस्में

मुस्लिमों के ईद उल अजहा मनाने के साथ हजयात्रियों ने शुरू कीं हज की अंतिम रस्में

मुस्लिमों के ईद उल अजहा मनाने के साथ हजयात्रियों ने शुरू कीं हज की अंतिम रस्में
Modified Date: June 16, 2024 / 11:08 am IST
Published Date: June 16, 2024 11:08 am IST

(सैमी मैगडी)

मीना (सऊदी अरब), 16 जून (एपी) सऊदी अरब में रविवार को बड़ी संख्या में हज यात्रियों ने प्रतीकात्मक रूप से शैतान को पत्थर मारने के अरकान (रस्म) पूरे किए। यह रस्म हज यात्रा के अंतिम दिनों में विश्वभर के मुस्लिमों के लिए ईद- उल-अजहा उत्सव की शुरुआत का प्रतीक है।

शैतान को पत्थर मारना इस्लाम के पांच स्तंभों और हज की अंतिम रस्मों में से एक है। यह पवित्र शहर मक्का के बाहर अराफात की पहाड़ी पर 18 लाख से अधिक हज यात्रियों के एकत्र होने के एक दिन बाद हुई, जहां हजयात्री हज की वार्षिक पांच दिवसीय रस्में पूरी करने आते हैं।

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हजयात्रियों ने शनिवार की शाम माउंट अराफात छोड़ दिया और मुजदलिफा नाम के एक निकटवर्ती स्थल पर रात बिताई, जहां उन्होंने कंकड़ एकत्र किए जिनका उपयोग उन्होंने प्रतीकात्मक रूप से शैतान स्तंभों को पत्थर मारने में किया।

ये स्तंभ मक्का में मीना नाम के एक पवित्र स्थान पर हैं। मुस्लिमों का मानना है कि यहां इब्राहिम के विश्वास की परीक्षा हुई थी और उनसे ईश्वर ने उनके इकलौते बेटे इस्माइल की बलि देने का आदेश दिया। इब्राहिम आदेश का पालन करने के लिए तैयार थे, लेकिन फिर ईश्वर ने उनका हाथ रोक दिया।

हज यात्री अगले तीन दिन मीना में बिताएंगे। वहां से वे पैदल चलने वालों के लिए बनी सड़कों पर लंबी दूरी तय करके एक बहुमंजिला परिसर की ओर बढ़ेंगे जहां संबंधित विशाल स्तंभ मौजूद हैं। हजयात्री यहां तीन खंभों पर सात-सात कंकड़ फेंकते हैं, जो बुराई और पाप को दूर भगाने का प्रतीक माना जाता है।

मीना से मक्का पहुंचकर हजयात्री ‘‘तवाफ’’ (परिक्रमा) करेंगे।

भाषा यासिर नेत्रपाल

नेत्रपाल


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