खान यूनिस (गाजा पट्टी), 15 फरवरी (एपी) चरमपंथी संगठन हमास ने शनिवार को तीन पुरुष बंधकों को रिहा कर दिया, जिसके बदले में इजराइल की सेना ने सैकड़ों फलस्तीनी कैदियों को रिहा किया।
यह घटनाक्रम इस बात का संकेत है कि गाजा पट्टी में लड़ाई रोकने के लिए हुआ युद्धविराम समझौता हाल के दिनों में भले ही डगमगा गया हो, लेकिन वह अब भी बरकरार है।
दक्षिणी गाजा पट्टी में हमास चरमपंथियों ने शनिवार को तीन इजराइली पुरुष बंधकों को रिहा करने से पहले भीड़ के समक्ष उनकी परेड कराई गई।
इन तीनों व्यक्तियों की पहचान आयर हॉर्न (46), सागुई डेकेल चेन(36) और 29 वर्षीय अलेक्जेंडर (साशा) ट्रोफानोव के तौर पर हुई है।
उन्हें उनके परिवार से मिलाने एवं एक अस्पताल में उनका चिकित्सकीय मूल्यांकन करने के लिए इजराइल ले जाया गया ।
तीनों को किबुत्ज़ नीर ओज से अगवा किया गया था। सात अक्टूबर 2023 के हमले में यह क्षेत्र बुरी तरह प्रभावित हुआ था और उसी के फलस्वरूप युद्ध शुरू हुआ था।
ये तीनों कमजोर और थके हुए दिख रहे थे, लेकिन पिछले शनिवार को रिहा किए गए तीन अन्य लोगों की तुलना में वे शारीरिक रूप से बेहतर नजर आ रहे थे। पिछले शनिवार को जिन तीन लोगों को रिहा किया था कि वे 16 महीने बंधक रहने के दौरान बहुत कमजोर हो गए थे।
लगभग चार सप्ताह पहले लागू हुआ युद्धविराम हाल के दिनों में तनावपूर्ण विवाद के कारण जोखिम में पड़ गया था, जिससे लड़ाई फिर से शुरू होने का खतरा पैदा हो गया था।
उधर, 20 लाख से अधिक फलस्तीनियों को गाजा से हटाकर क्षेत्र में अन्यत्र बसाने संबंधी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के विवादास्पद प्रस्ताव से युद्धविराम के भविष्य पर संकट के बादल मंडराने लगे।
लेकिन हमास ने बृहस्पतिवार को कहा कि मिस्र और कतर के अधिकारियों के साथ वार्ता के बाद वह और बंधकों की रिहाई की दिशा में आगे बढ़ेगा।
तेल अवीव के ‘हॉस्टेज स्क्वायर’ पर बंधकों को रेड क्रॉस को सौंपा गया।
बंधकों को रिहा किये जाने के बदले में इजराइल ने शनिवार को 369 फलस्तीनी कैदियों और बंदियों को रिहा करना शुरू कर दिया।
रिहा किए गए (फलस्तीनी) कैदियों का पहला समूह बस से पश्चिमी तट के बेइतुनिया पहुंचा जहां उनके रिश्तेदारों एवं समर्थकों ने उनका स्वागत किया।
उन्नीस जनवरी को युद्धविराम लागू होने के बाद से हमास और इजराइल के बीच बंधकों और कैदियों की यह छठी अदला-बदली है।
शनिवार से पहले, युद्ध विराम के पहले चरण के दौरान 21 बंधकों और 730 से अधिक फलस्तीनी कैदियों को रिहा किया गया था।
फलस्तीनी कैदियों में 36 ऐसे हैं जो घातक हमलों के लिए आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं।
सात अक्टूबर को हमले के दौरान अगवा किये गये 251 में से 73 अब भी गाजा में हैं जबकि करीब आधे के बारे में समझा जा रहा है कि उनकी मौत हो गयी। अब भी जो लोग बंधक हैं वे सभी पुरूष हैं और उनमें इजराइली सैनिक भी हैं।
एपी राजकुमार रंजन
रंजन
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