धीमी प्रगति और कोई बड़ी सफलता न मिलने से रूस-यूक्रेन शांति समझौते की उम्मीदें धूमिल

धीमी प्रगति और कोई बड़ी सफलता न मिलने से रूस-यूक्रेन शांति समझौते की उम्मीदें धूमिल

धीमी प्रगति और कोई बड़ी सफलता न मिलने से रूस-यूक्रेन शांति समझौते की उम्मीदें धूमिल
Modified Date: May 20, 2025 / 05:50 pm IST
Published Date: May 20, 2025 5:50 pm IST

कीव, 20 मई (एपी) अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा रूस और यूक्रेन के नेताओं के साथ फोन पर बातचीत किए जाने से यह उम्मीद बढ़ गई है कि इन देशों के बीच तीन साल से अधिक समय से जारी युद्ध को समाप्त करने की दिशा में जल्द ही प्रगति हो सकती है, हालांकि वार्ता की धीमी गति और किसी महत्वपूर्ण सफलता के अभाव के चलते निराशा ने उम्मीदों को कम कर दिया है।

यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की ने मंगलवार को टेलीग्राम पर कहा, ‘‘यह स्पष्ट है कि रूस युद्ध और कब्जे को जारी रखने के लिए समय खींचने की कोशिश कर रहा है।’’

उन्होंने रूस पर और अधिक अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों का स्पष्ट संदर्भ देते हुए कहा, ‘‘हम रूस पर दबाव डालने के लिए साझेदारों के साथ काम कर रहे हैं।’’

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यूक्रेन ने 30 दिन के व्यापक युद्धविराम की पेशकश की है, जिसे मॉस्को ने अस्वीकार कर दिया है।

जेलेंस्की ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ आमने-सामने बैठक का प्रस्ताव रखा था, लेकिन रूसी नेता ने उस प्रस्ताव को ठुकरा दिया।

ट्रंप ने कहा कि शांति प्रयासों को आगे बढ़ाने के लिए उनके व्यक्तिगत हस्तक्षेप की आवश्यकता है। सोमवार को उन्होंने जेलेंस्की तथा पुतिन के साथ फोन पर अलग-अलग बातचीत की।

अमेरिकी राष्ट्रपति ने घोषणा की कि रूस और यूक्रेन ‘‘तुरंत’’ युद्धविराम वार्ता शुरू करेंगे, हालांकि इस बारे में कोई विवरण नहीं दिया कि ऐसी वार्ता कब और कहां होगी।

जेलेंस्की के वरिष्ठ सलाहकार मिखाइलो पोदोलियाक ने मंगलवार को सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘यथास्थिति में कोई बदलाव नहीं आया है।’’

ट्रंप ने कहा कि सोमवार को पुतिन के साथ उनकी वार्ता शानदार रही, लेकिन यूरोपीय अधिकारी रूस के इरादों को लेकर संशय में हैं।

एस्टोनिया के रक्षा मंत्री हनो पेवकुर ने मंगलवार को ब्रसेल्स में कहा, ‘‘पुतिन ने अपना रुख कभी नहीं बदला है। रूस वास्तव में इस युद्ध को ख़त्म नहीं करना चाहता।’’

यूरोपीय संघ की विदेश नीति प्रमुख काजा कालास ने कहा कि सद्भावनापूर्वक बातचीत करने में रूस की विफलता के कारण अमेरिका द्वारा उस पर प्रतिबंध लगाए जाने की धमकी दी जा सकती है।

एपी नेत्रपाल मनीषा

मनीषा


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