एक झटके में बिखर गई सरकार..! आखिर इतने उग्र कैसे हुए प्रदर्शनकारी? अब सेना के हाथ में बांग्लादेश

Bangladesh Violence Ki Jankari : सेना ने सत्ता के खालीपन को भरने के लिये कदम उठाते हुए अंतरिम सरकार बनाने की घोषणा की।

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  • Publish Date - August 5, 2024 / 09:53 PM IST,
    Updated On - August 5, 2024 / 10:55 PM IST

Sheikh Hasina

Bangladesh Violence Ki Jankari : ढाका। बांग्लादेश में अराजकता की स्थिति के बीच शेख हसीना सोमवार को एक सैन्य विमान से चुपचाप देश छोड़कर लंदन रवाना हो गयीं, जबकि सेना ने सत्ता के खालीपन को भरने के लिये कदम उठाते हुए अंतरिम सरकार बनाने की घोषणा की। हसीना के देश छोड़ने की खबर फैलने के बाद हजारों प्रदर्शनकारियों ने ढाका में उनके सरकारी आवास में लूटपाट और तोड़फोड़ की। सरकार विरोधी प्रदर्शनों में पिछले दो दिनों में 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो गयी। पिछले महीने शुरू हुए ये विरोध प्रदर्शन विवादास्पद कोटा व्यवस्था के खिलाफ थे। 1971 में पाकिस्तान के खिलाफ बांग्लादेश के मुक्ति संग्राम में लड़ने वालों के परिवारों के लिए सरकारी नौकरियों में 30 प्रतिशत आरक्षण देने वाली कोटा प्रणाली को समाप्त करने की मांग के साथ शुरू हुआ यह प्रदर्शन बाद में सरकार विरोधी प्रदर्शनों में बदल गए।

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Bangladesh Violence Ki Jankari : सड़कों पर उतरे उग्र प्रदर्शनकारियों ने हसीना के पिता और बांग्लादेश के संस्थापक शेख मुजीबुर रहमान की प्रतिमा को हथौड़ों से तोड़ दिया और उनकी पार्टी के कार्यालयों में आग लगा दी।सेना प्रमुख जनरल वकार उज जमां ने हसीना (76) के इस्तीफे की घोषणा की। उन्होंने टेलीविजन पर एक संबोधन में कहा कि अंतरिम सरकार सत्ता संभालेगी। जमां ने हसीना के 15 वर्ष के सत्ता के अंत का संकेत देते हुए कहा, “मैं (देश की) सारी जिम्मेदारी ले रहा हूं। कृपया सहयोग करें।” सेना प्रमुख ने कहा कि उन्होंने राजनेताओं से मुलाकात कर उन्हें बताया कि सेना कानून-व्यवस्था की जिम्मेदारी संभालेगी। बैठक में हालांकि हसीना की अवामी लीग पार्टी का कोई नेता मौजूद नहीं था।

 

देश भर में विरोध-प्रदर्शनों के बढ़ने के बीच सेना प्रमुख ने कहा कि उन्होंने सेना और पुलिस दोनों से ही गोली नहीं चलाने को कहा है। जमां ने संयम बरतने और प्रदर्शनकारियों से हिंसा बंद करने का आग्रह किया। उन्होंने सभी को ‘न्याय’ दिलाने का संकल्प व्यक्त किया। बांग्लादेश में बड़े पैमाने पर सरकार विरोधी प्रदर्शनों के बाद सोमवार को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने वाली शेख हसीना का विमान लंदन जाने के दौरान नयी दिल्ली के निकट गाजियाबाद स्थित हिंडन एयरबेस पर उतरा। राजनयिक सूत्रों ने यह जानकारी दी। हसीना बांग्लादेश वायुसेना के एक सी-130 जे सैन्य परिवहन विमान से भारत पहुंचीं। एक अधिकारी ने बताया कि हसीना को सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया है और सोमवार रात को उनके भारत से रवाना होने की संभावना नहीं है।

 

सूत्रों ने बताया कि हसीना की योजना लंदन जाने की थी। हालांकि, कुछ समस्याएं सामने आईं हैं, जिसकी वजह से उनकी योजना में कुछ बदलाव हुआ है। हसीना के अपनी बेटी साइमा वाजिद से मिलने की संभावना है, जो दिल्ली में रहती हैं। साइमा वाजिद विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की दक्षिण-पूर्व एशिया के लिए क्षेत्रीय निदेशक हैं। बांग्लादेश की राजधानी ढाका में उपद्रवी भीड़ ने शहर के धानमंडी इलाके में स्थित इंदिरा गांधी सांस्कृतिक केंद्र में तोड़फोड़ की और देशभर में चार हिंदू मंदिरों को “मामूली” क्षति पहुंचाई। प्रत्यक्षदर्शियों और समुदाय के नेताओं ने यह जानकारी दी। प्रदर्शनकारियों ने ढाका में कई प्रमुख स्थानों पर आगजनी की, जिसमें धानमंडी 32 स्थित बंगबंधु भवन भी शामिल है, जिसे बंगबंधु स्मारक संग्रहालय के रूप में भी जाना जाता है। यह संग्रहालय शेख मुजीबुर रहमान को समर्पित है, जिनकी 1975 में राष्ट्रपति रहने के दौरान हत्या कर दी गई थी। हसीना और उनकी बहन शेख रेहाना विदेश में थीं इसलिए वह बच गईं। इसके बाद हसीना ने भारत में छह साल निर्वासन में बिताए।

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स्थानीय खबरों के अनुसार, सोमवार को हुई हिंसा में हसीना के पति डॉ. वाजेद मियां का घर भी नहीं बच सका। प्रधानमंत्री के आधिकारिक आवास ‘गणभवन’ से प्रदर्शनकारियों के अंदर घुसने और सोफा तथा कुर्सियां लेकर चले जाने के दृश्य सामने आए हैं। एक व्यक्ति ने अपने बच्चे को ऊपर उठाया, सैकड़ों लोग ढोल बजाते हुए अंदर घुस आए और एक प्रदर्शनकारी ने गर्व से मीडिया के सामने हसीना की लाल लिपस्टिक लेने की घोषणा की। उसने कहा, “मैं इसे हमारे संघर्ष के स्मृतिचिन्ह के तौर पर रखूंगा… यह याद रखने के लिए कि हम एक तानाशाह से आजाद हुए हैं। वह (हसीना) यह लिपस्टिक लगाया करती थी।” एक अन्य प्रदर्शनकारी ने कहा, “यह आजादी है। मैं इस भावना को शब्दों में बयां नहीं कर सकता।” बांग्लादेश का झंडा गले में लपेटे एक प्रदर्शनकारी ने बताया कि उसकी उम्र 35 साल है और वह पिछले तीन चुनावों में मतदान नहीं कर पाया।

 

देश भर में उग्र भीड़ के उत्पात के बीच राजधानी में अवामी लीग कार्यालय में आग लगा दी गई। ढाका की एक सड़क पर जले हुए वाहन हिंसा की गवाही देती दिखीं। गृह मंत्री असदुज्जमां खान के घर में तोड़फोड़ की गई और ‘प्रोथोम आलो’ के एक संवाददाता ने बताया कि जब कई लोग प्रधान न्यायाधीश के आवास में घुसे तो चीख-पुकार और तेज आवाजें सुनी जा सकती थीं। हिंसा सिर्फ ढाका तक ही सीमित नहीं थी। बीबीसी की खबर के अनुसार, सिलहट में उपायुक्त और पुलिस अधीक्षक के दफ्तरों में आग लगा दी गई जबकि कई पार्षदों के घरों पर हमला किया गया। बांग्लादेश के संस्थापक शेख मुजीबर रहमान की 76 वर्षीय बेटी हसीना 2009 से सामरिक रूप से महत्वपूर्ण इस दक्षिण एशियाई देश की बागडोर संभाल रही थीं। उन्हें जनवरी में हुए 12वें आम चुनाव में लगातार चौथी बार और कुल पांचवीं बार प्रधानमंत्री चुना गया। पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया की मुख्य विपक्षी पार्टी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) और उसके सहयोगियों ने चुनाव का बहिष्कार किया था।

 

 

इस वर्ष जून में सरकार ने आरक्षण प्रणाली की घोषणा की थी, जिसके बाद से समस्या लगातार बढ़ती जा रही थी। बांग्लादेश के विभिन्न हिस्सों में रविवार को हसीना के इस्तीफे की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों और सत्तारूढ़ अवामी लीग समर्थकों के बीच झड़पें हुईं। कुछ दिन पहले ही पुलिस और ज्यादातर छात्र प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसक झड़पों में 200 से ज्यादा लोग मारे गए थे। बीते 15 दिनों के भीतर कम से कम 300 लोग मारे गए हैं। इससे पहले बांग्लादेश सरकार ने प्रदर्शनकारियों के आम जनता से ‘लॉन्ग मार्च टू ढाका’ में भाग लेने का आह्वान करने के बाद इंटरनेट को पूरी तरह बंद करने का आदेश दिया। एक सरकारी एजेंसी ने हालांकि सोमवार को अपराह्न करीब सवा एक बजे ब्रॉडबैंड इंटरनेट शुरू करने का मौखिक आदेश दिया। मानवाधिकारों के लिए संयुक्त राष्ट्र के उच्चायुक्त वोल्कर तुर्क ने देश के राजनीतिक नेतृत्व और सुरक्षा बलों से जीने के अधिकार और शांतिपूर्ण रूप से एकत्रित होने एवं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की रक्षा करने के लिए अपने कर्तव्यों का पालन करने को कहा है।

 

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