‘कमिशन ऑन द स्टेटस ऑफ वीमेन’ से ईरान को बाहर करने के प्रस्ताव पर मतदान में शामिल नहीं हुआ भारत

‘कमिशन ऑन द स्टेटस ऑफ वीमेन’ से ईरान को बाहर करने के प्रस्ताव पर मतदान में शामिल नहीं हुआ भारत:India abstains from voting on iran's exit from 'Commission on the Status of Women'

‘कमिशन ऑन द स्टेटस ऑफ वीमेन’ से ईरान को बाहर करने के प्रस्ताव पर मतदान में शामिल नहीं हुआ भारत

Govt Issues Transfer Order of Police Superintendent

Modified Date: December 15, 2022 / 01:43 pm IST
Published Date: December 15, 2022 12:46 pm IST

संयुक्त राष्ट्र: Commission on the Status of Women : भारत, लैंगिक समानता व महिला सशक्तीकरण को बढ़ावा देने से संबंधित वैश्विक अंतर सरकारी निकाय से ईरान को बाहर करने के लिए संयुक्त राष्ट्र आर्थिक एवं सामाजिक परिषद के एक मसौदा प्रस्ताव पर मतदान के दौरान अनुपस्थित रहा। ईरान में महिलाओं के उत्पीड़न का हवाला देते हुए उसे ‘कमिशन ऑन द स्टेटस ऑफ वीमेन’ के 2022-2026 के शेष कार्यकाल से हटाने के अमेरिका द्वारा पेश एक मसौदा प्रस्ताव को आर्थिक एवं सामाजिक परिषद ने बुधवार को स्वीकार किया।

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प्रस्ताव को आठ के मुकाबले 29 रिकार्ड मतों से स्वीकार किया गया। प्रस्ताव का विरोध करने वालों में बोलीविया, चीन, कजाकिस्तान, निकारागुआ, नाइजीरिया, ओमान, रूस, जिम्बाब्वे शामिल थे जबकि बांग्लादेश, भारत, इंडोनेशिया, मॉरीशस, मैक्सिको और थाईलैंड सहित 16 देशों ने मतदान में हिस्सा नहीं लिया। ‘कमिशन ऑन द स्टेटस ऑफ वीमेन’ के 2022-2026 के शेष कार्यकाल से ईरान को हटाने के मसौदे के जरिए आर्थिक एवं सामाजिक परिषद ने सितंबर 2022 से ईरान सरकार द्वारा की गई कार्रवाइयों पर गंभीर चिंता व्यक्त की है।

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मसौदे में कहा गया कि ईरान ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता सहित महिलाओं के मानवाधिकारों का लगातार हनन किया। प्रस्ताव के जरिए ‘कमिशन ऑन द स्टेटस ऑफ वीमेन’ के 2022-2026 के शेष कार्यकाल से ईरान को ‘‘तत्काल प्रभाव से’’ हटाने का फैसला किया गया। ईरान में नैतिकता के नाम पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने युवती महसा अमीनी (22) को पकड़ा था और 16 सितंबर को हिरासत में ही उसकी मौत हो गई थी।

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Commission on the Status of Women : ईरान की सरकार ने लगातार यह दावा किया है कि अमीनी के साथ कोई दुर्व्यवहार नहीं किया गया, जबकि अमीनी के परिवार का कहना है कि उसके शरीर पर चोट व पिटाई के निशान थे। अमीनी को हिजाब सही तरीके से न पहनने के आरोप में हिरासत में लिया गया था। अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र आर्थिक एवं सामाजिक परिषद द्वारा ईरान को ‘कमिशन ऑन द स्टेटस ऑफ वीमेन’ से हटाने के लिए हुआ मतदान ईरान के बहादुर लोगों को दुनिया भर से समर्थन का ‘‘अचूक संदेश’’ भेजता है। खासकर ईरानी महिलाओं के लिए जो ईरानी शासन द्वारा उनके खिलाफ की गई क्रूरता व हिंसा के बावजूद निडरता से डटी हैं।

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मसौदा प्रस्ताव को अपनाने के बाद, अमेरिकी राजदूत लिंडा थॉमस-ग्रीनफील्ड ने पत्रकारों से कहा कि अमिनी की मृत्यु के बाद, हजारों ईरानी लोग सड़कों पर उतर आए हैं और वे महिलाओं के जीवन व आजादी के लिए खड़े हैं। ईरान के राजदूत एवं संयुक्त राष्ट्र में स्थायी प्रतिनिधि आमिर सईद इरावनी ने कहा कि प्रस्ताव का मसौदा ईरानी लोगों खासकर ईरानी महिलाओं के प्रति अमेरिका की शत्रुतापूर्ण नीति का एक और सबूत है, जिसे मानवाधिकारों की रक्षा की आड़ में अपनाया जा रहा है।

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इरावनी ने कहा, ‘ ईरानी लोगों के प्रति लंबे समय से चली आ रही दुश्मनी को देखते हुए यह बिल्कुल भी अप्रत्याशित नहीं है कि अमेरिका, ईरान के खिलाफ इस तरह की गैरकानूनी कार्रवाई कर रहा है। ’’ उन्होंने कहा, ‘ यह संयुक्त राष्ट्र चार्टर की भावना का उल्लंघन है। यह अवैध है। यह कदम दूरगामी परिणामों के साथ एक खतरनाक मिसाल भी बन सकता है।’’ ‘ह्यूमन राइट्स वॉच’ में संयुक्त राष्ट्र के निदेशक लुइस चारबोन्यू ने इसे ‘‘स्वागत’’ योग्य कदम बताया है।

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