भारत और इजराइल की आतंकवाद को “कतई बर्दाश्त न करने” की नीति : जयशंकर

भारत और इजराइल की आतंकवाद को “कतई बर्दाश्त न करने” की नीति : जयशंकर

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  • Publish Date - December 16, 2025 / 08:15 PM IST,
    Updated On - December 16, 2025 / 08:15 PM IST

(तस्वीरों के साथ)

यरूशलम, 16 दिसंबर (भाषा) विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ऑस्ट्रेलिया के बॉन्डी बीच पर पिछले सप्ताहांत यहूदी पर्व हनुक्का का जश्न मना रहे लोगों पर हुए आतंकवादी हमले की मंगलवार को कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा कि भारत और इजराइल, दोनों की आतंकवाद को “कतई बर्दाश्त न करने” की नीति है।

जयशंकर इजराइल की दो दिवसीय यात्रा के तहत मंगलवार को तेल अवीव पहुंचे। उन्होंने अपने इजराइली समकक्ष गिदोन मोशे सार के साथ संवाददाताओं से बातचीत की।

जयशंकर ने कहा, “सबसे पहले, मैं बॉन्डी बीच पर हनुक्का उत्सव के दौरान हुए आतंकवादी हमले में जानमाल के नुकसान पर हार्दिक संवेदना व्यक्त करना चाहता हूं। मैं कहना चाहता हूं कि हम इस हमले की कड़ी निंदा करते हैं।”

सिडनी के बॉन्डी बीच पर पिछले सप्ताहांत यहूदी पर्व हनुक्का का जश्न मना रही भीड़ पर दो हमलावरों की ओर से की गई गोलीबारी में 15 लोग मारे गए थे और 40 अन्य घायल हो गए थे।

जयशंकर ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत के सहयोग के लिए इजराइल का आभार जताया।

उन्होंने कहा, “भारत और इजराइल, हम दोनों ऐसे देश हैं, जिनकी आतंकवाद को कतई बर्दाश्त न करने की नीति है। हम आतंकवाद के सभी स्वरूपों और अभिव्यक्तियों के खिलाफ हमारी लड़ाई में निरंतर समर्थन के लिए आपके आभारी हैं।”

विदेश मंत्री ने कहा कि वह और गिदोन दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी पर चर्चा करेंगे, “जो पिछले दशक में वास्तव में बहुत मजबूत हुई है।”

उन्होंने कहा कि भारत और इजराइल “एक-दूसरे के परस्पर साझेदार हैं और हमें इसका भरपूर फायदा उठाना चाहिए।”

जयशंकर ने गाजा शांति योजना के लिए भारत का समर्थन दोहराया। उन्होंने उम्मीद जताई कि इससे एक स्थायी और टिकाऊ समाधान निकलेगा।

जयशंकर की यह यात्रा ऐसे समय में हो रही है, जब इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के भारत के प्रस्तावित दौरे की तैयारियां की जा रही हैं।

नेतन्याहू ने हाल ही में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ फोन पर बातचीत की थी, जिसके बाद इजराइली प्रधानमंत्री ने कहा था कि वह अपने भारतीय समकक्ष से “जल्द मुलाकात करेंगे।”

इजराइल यात्रा के दौरान जयशंकर का राष्ट्रपति इसहाक हर्जोग और प्रधानमंत्री नेतन्याहू से भी मिलने का कार्यक्रम है।

यरूशलम में एक सूत्र ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, “दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी को और प्रगाढ़ करने के मकसद से चर्चा द्विपक्षीय और क्षेत्रीय मुद्दों पर केंद्रित होगी।”

जयशंकर अबू धाबी से तेल अवीव पहुंचे, जहां उन्होंने प्रतिष्ठित सर बानी यस फोरम में हिस्सा लिया था। अबू धाबी में वह 15 दिसंबर को आयोजित भारत-यूएई संयुक्त आयोग की 16वीं बैठक और भारत-यूएई रणनीतिक संवाद के 5वें दौर में भी शामिल हुए थे।

नेतन्याहू की बहुप्रतीक्षित भारत यात्रा से दोनों पक्षों के बीच उच्च स्तरीय आदान-प्रदान की एक शृंखला शुरू होने की उम्मीद है।

इजराइल के पर्यटन मंत्री हैम काट्ज, उद्योग मंत्री नीर बरकत, कृषि एवं खाद्य सुरक्षा मंत्री एवी डिक्टर और वित्त मंत्री बेजेलल स्मोट्रिच ने साल की शुरुआत में भारत की यात्रा की थी, जिसके बाद दोनों देशों के बीच प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) को गति मिली थी।

सितंबर में स्मोट्रिच की नयी दिल्ली यात्रा के दौरान भारत और इजराइल ने एक द्विपक्षीय निवेश संधि (बीआईटी) पर हस्ताक्षर किए थे। इसके बाद पिछले महीने वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल की इजराइल यात्रा के दौरान प्रस्तावित एफटीए के लिए दोनों देशों के बीच संदर्भ की शर्तों (टीओआर) पर दस्तखत हुए थे।

रक्षा क्षेत्र में दोनों देशों ने पिछले महीने रक्षा, औद्योगिक और तकनीकी सहयोग के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे, जिससे सह-विकास और सह-उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए उन्नत प्रौद्योगिकी को साझा करना संभव हो सकेगा।

भारत और इजराइल ने सांस्कृतिक एवं शैक्षणिक क्षेत्रों में भी सहयोग का विस्तार किया है, जिसमें फिल्म समारोहों और नृत्य कार्यक्रमों के आयोजन के साथ ही फिल्म निर्माताओं का आदान-प्रदान शामिल है, जिसका उद्देश्य लोगों के बीच संबंधों को प्रगाढ़ करना है।

सोमवार को भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (आईसीसीआर) और तेल अवीव विश्वविद्यालय ने शैक्षणिक सहयोग को बढ़ावा देने के लिए एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए थे, जिसके तहत संस्थान में एक ‘भारत पीठ’ की स्थापना की जाएगी।

भाषा पारुल धीरज

धीरज