भारत ने पहला डीएनए टीका विकसित किया, 12 साल से अधिक उम्र के सभी लोगों को दिया जा सकता है : मोदी |

भारत ने पहला डीएनए टीका विकसित किया, 12 साल से अधिक उम्र के सभी लोगों को दिया जा सकता है : मोदी

भारत ने पहला डीएनए टीका विकसित किया, 12 साल से अधिक उम्र के सभी लोगों को दिया जा सकता है : मोदी

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:54 PM IST, Published Date : September 25, 2021/9:50 pm IST

संयुक्त राष्ट्र, 25 सितंबर (भाषा) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि भारत ने कोविड-19 के खिलाफ दुनिया का पहला डीएनए टीका विकसित किया है, जिसे 12 साल से अधिक उम्र के सभी लोगों को लगाया जा सकता है।

मोदी ने यहां संयुक्त राष्ट्र महासभा के 76वें सत्र को संबोधित करते हुए कहा, “सेवा परमो धर्म: को जीने वाला भारत, सीमित संसाधनों के बावजूद टीकों के विकास और निर्माण में जी-जान से जुटा है। मैं संयुक्त राष्ट्र महासभा को ये जानकारी देना चाहता हूं कि, भारत ने दुनिया का पहला डीएनए टीका विकसित कर लिया है जिसे 12 साल की आयु से ज्यादा के सभी लोगों को दिया जा सकता है।”

भारत के औषध महानियंत्रक ने पिछले महीने जायडस कैडिला के स्वदेशी तौर पर विकसित सुई-मुक्त कोविड-19 टीके जायकोव-डी को आपातकालीन उपयोग प्राधिकार (ईयूए) दिया, जिसे देश में 12-18 वर्ष के आयु वर्ग के लाभार्थियों को दिया जाना है।

प्रधानमंत्री ने कहा, “एक और एम-आरएनए टीका अपने विकास के आखिरी चरण में है। भारत के वैज्ञानिक कोरोना के नाक के जरिये दिए जा सकने वाले एक टीके के निर्माण में भी जुटे हैं। मानवता के प्रति अपने दायित्व को समझते हुए भारत ने, एक बार फिर दुनिया के जरूरतमंदों को टीके देने शुरू कर दिए हैं। मैं आज दुनिया भर के टीका निर्माताओं को भी आमंत्रित करता हूं कि आएं और भारत में टीके का उत्पादन करें।”

जायकोव-डी एक प्‍लाज्मिड डीएनए टीका है। प्‍लाज्मिड इंसानों में पाए जाने वाले डीएनए का एक छोटा हिस्‍सा होता है। ये टीका इंसानी शरीर में कोशिकाओं की मदद से कोरोना वायरस का ‘स्‍पाइक प्रोटीन’ तैयार करता है जिससे शरीर को कोरोना वायरस के अहम हिस्‍से की पहचान करने में मदद मिलती है। इस प्रकार शरीर में इस वायरस का प्रतिरोधी तंत्र तैयार किया जाता है।

टीके की प्रभावशीलता 66 प्रतिशत है और इसे दो से आठ डिग्री सेल्सियस तापमान में रखना होता है। इसकी तीन खुराक लाभार्थियों को दी जाएंगी। पहली खुराक के 28 दिन बाद दूसरी खुराक और 56 दिन बाद तीसरी खुराक दी जाएगी।

भाषा

प्रशांत पवनेश

पवनेश

 

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