भारत तालिबान के साथ व्यवहारिक संबंध कायम करने का पक्षधर : भारतीय दूत ने सुरक्षा परिषद में कहा
भारत तालिबान के साथ व्यवहारिक संबंध कायम करने का पक्षधर : भारतीय दूत ने सुरक्षा परिषद में कहा
(योषिता सिंह)
संयुक्त राष्ट्र, 11 दिसंबर (भाषा) भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को बताया है कि वह तालिबान के साथ ‘व्यावहारिक संबंध’ कायम करने का पक्षधर है, क्योंकि केवल दंडात्मक कदमों पर ध्यान केंद्रित करने से पुराने दृष्टिकोण को बढ़ावा मिलेगा।
अफगानिस्तान की स्थिति पर बुधवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक में भारत के स्थायी प्रतिनिधि, राजदूत पार्वथनेनी हरीश ने कहा, ‘भारत संयुक्त राष्ट्र और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील करता है कि वह ऐसे नीतिगत कदम उठाए, जिनसे अफगानिस्तान के लोगों को स्थायी लाभ पाने में मदद मिले।’
उन्होंने कहा, ‘भारत तालिबान के साथ व्यावहारिक संबंध कायम करने का पक्षधर है। संबंधों को लेकर एक स्पष्ट नीति से सकारात्मक कदमों को बढ़ावा मिलना चाहिए। केवल दंडात्मक कदम उठाने पर ध्यान केंद्रित करने से पुराना दृष्टिकोण जारी रहेगा। पिछले साढ़े चार साल से हम ऐसा दृष्टिकोण देखते आ रहे हैं।”
उन्होंने अफगानिस्तान के लोगों की विकास संबंधी जरूरतों को पूरा करने के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को दोहराया।
हरीश ने कहा कि काबुल में दिल्ली के तकनीकी मिशन का दूतावास का दर्जा बहाल करने का भारत सरकार का हालिया निर्णय ‘इस संकल्प को मजबूती से दर्शाता है।’
उन्होंने कहा, ‘हम सभी संबंधित पक्षों के साथ अपने संबंध बनाए रखेंगे ताकि अफगानिस्तान के समग्र विकास, मानवीय सहायता और दक्षता विकास पहल में अपना योगदान बढ़ा सकें, जो अफगान समाज की प्राथमिकताओं और आकांक्षाओं के अनुरूप हो।’
अक्टूबर में अफगान विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी छह दिवसीय यात्रा पर नयी दिल्ली आए थे। वह 2021 में काबुल पर तालिबान के कब्जे के बाद भारत का दौरा करने वाले पहले वरिष्ठ तालिबानी मंत्री थे।
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने मुत्तकी के साथ व्यापक बातचीत की, जिसमें दिल्ली के तकनीकी मिशन को काबुल में दूतावास का दर्जा देने की घोषणा की गई और अफगानिस्तान में विकास कार्यों को फिर से शुरू करने का संकल्प लिया गया।
भारत ने अगस्त 2021 में काबुल पर तालिबान के कब्जे के बाद अपने दूतावास से अधिकारियों को वापस बुला लिया था।
जून 2022 में, भारत ने काबुल में एक ‘तकनीकी टीम’ को तैनात कर अपनी कूटनीतिक उपस्थिति फिर से स्थापित की।
हरिश ने कहा कि भारत अफगानिस्तान में सुरक्षा स्थिति पर करीबी नजर रखता है।
उन्होंने पाकिस्तान की ओर इशारा करते हुए कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा प्रतिबंधित संगठनों जैसे आईएसआईएल, अलकायदा और लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद समेत उनके सहयोगियों तथा लश्कर-ए-तैयबा के छद्म संग्ठन द रेजिस्टेंस फ्रंट के खिलाफ सामूहिक प्रयासों को समन्वित करना चाहिए, ताकि वे सीमा पार आतंकवाद में लिप्त न हों।
भाषा जोहेब मनीषा
मनीषा

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