भारत, नेपाल ने सीमा पार संपर्क सुविधा बढ़ाने के लिए द्विपक्षीय पहल लागू करने की प्रतिबद्धता जताई

भारत, नेपाल ने सीमा पार संपर्क सुविधा बढ़ाने के लिए द्विपक्षीय पहल लागू करने की प्रतिबद्धता जताई

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  • Publish Date - January 14, 2024 / 01:16 PM IST,
    Updated On - January 14, 2024 / 01:16 PM IST

काठमांडू, 14 जनवरी (भाषा) भारत और नेपाल के अधिकारियों ने आर्थिक एवं वाणिज्यिक संबंधों को मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की तथा दोनों देशों ने सीमा पार निर्बाध संपर्क सुविधा को और मजबूत करने के उद्देश्य से द्विपक्षीय पहल लागू करने की प्रतिबद्धता जताई।

अनधिकृत व्यापार को रोकने के लिए व्यापार, पारगमन और सहयोग संबंधी भारत-नेपाल अंतर-सरकारी उप-समिति (आईजीएससी) ने 12-13 जनवरी को काठमांडू में सत्र आयोजित किया।

दोनों पक्षों ने औषधीय और आयुर्वेदिक उत्पादों के लिए पारस्परिक बाजार पहुंच पर भी चर्चा की। भारतीय पक्ष ने प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) को प्रोत्साहित करने के लिए पेरिस संधि के प्रावधानों के तहत आईपीआर (बौद्धिक संपदा अधिकार) व्यवस्था की आवश्यकता पर प्रकाश डाला।

वाणिज्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव विपुल बंसल ने भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया। प्रतिनिधिमंडल में विभिन्न मंत्रालयों और काठमांडू स्थित भारतीय दूतावास के वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे।

नेपाली पक्ष का नेतृत्व नेपाल सरकार के उद्योग, वाणिज्य और आपूर्ति मंत्रालय के संयुक्त सचिव राम चंद्र तिवारी ने किया। उनके अलावा विभिन्न नेपाली मंत्रालयों और विभागों के अधिकारी भी प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा थे।

इस बैठक में एकीकृत जांच चौकियों और रेलवे लिंक के निर्माण सहित भारत एवं नेपाल के बीच सीमा पार निर्बाध संपर्क सेवा को और मजबूत करने के मकसद से द्विपक्षीय पहलों पर ध्यान केंद्रित किया गया।

दोनों पक्षों ने समृद्ध द्विपक्षीय व्यापार के साझा दृष्टिकोण को दर्शाते हुए इन पहलों को लागू करने की प्रतिबद्धता व्यक्त की।

इस दौरान पारगमन संधि और व्यापार संधि की समीक्षा, मौजूदा समझौतों में प्रस्तावित संशोधन, निवेश बढ़ाने की रणनीति, मानकों का सामंजस्य और व्यापार बुनियादी ढांचे के समकालिक विकास पर चर्चा भी की गई।

भारत, नेपाल का प्रमुख व्यापार और निवेश भागीदार है तथा नेपाली आयात और निर्यात में इसका महत्वपूर्ण योगदान है।

भाषा सिम्मी नेत्रपाल

नेत्रपाल