सिंधु जल संधि को स्थगित करने का भारत का फैसला सिंधु घाटी सभ्यता पर हमला : बिलावल

सिंधु जल संधि को स्थगित करने का भारत का फैसला सिंधु घाटी सभ्यता पर हमला : बिलावल

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  • Publish Date - August 12, 2025 / 06:37 PM IST,
    Updated On - August 12, 2025 / 06:37 PM IST

(सज्जाद हुसैन)

इस्लामाबाद, 12 अगस्त (भाषा) पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो-जरदारी ने कहा है कि सिंधु जल संधि को स्थगित करने का भारत का फैसला सिंधु घाटी सभ्यता और संस्कृति पर हमला है।

बिलावल ने सोमवार को सिंधी संत शाह अब्दुल लतीफ भिटाई की दरगाह पर तीन-दिवसीय वार्षिक उत्सव के समापन समारोह में यह भी कहा कि पाकिस्तान हमेशा शांति की वकालत करता है, लेकिन अगर भारत उसे युद्ध के लिए मजबूर करता है, तो देश पीछे नहीं हटेगा।

उन्होंने कहा, ‘‘अगर युद्ध हुआ तो शाह अब्दुल लतीफ भिटाई की धरती से हम मोदी सरकार को संदेश देंगे कि हम पीछे नहीं हटेंगे, हम झुकेंगे नहीं और अगर आपने सिंधु नदी पर हमला करने की हिम्मत की तो पाकिस्तान के हर प्रांत के लोग आपका मुकाबला करने के लिए तैयार रहेंगे।’’

पहलगाम में 22 अप्रैल को आतंकी हमले के एक दिन बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कई दंडात्मक कदम उठाए, जिनमें 1960 की सिंधु जल संधि को स्थगित करना भी शामिल था।

पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के अध्यक्ष बिलावल ने कहा कि सिंधु नदी न केवल देश का एकमात्र प्रमुख जल संसाधन है, बल्कि यह देश के लोगों के संपूर्ण इतिहास से भी गहराई से जुड़ी हुई है।

उन्होंने कहा, ‘‘सिंधु सभ्यता इस नदी से जुड़ी हुई है।’’ उन्होंने यह भी कहा कि सिंधु नदी पर हमला ‘‘हमारी सभ्यता, हमारे इतिहास और हमारी संस्कृति पर हमला है’’।

बिलावल ने दुनिया के सामने पाकिस्तान का रुख़ पेश करने के अपने प्रयासों के बारे में कहा कि 20 करोड़ लोगों की पानी की आपूर्ति बंद करने की धमकियों के ख़िलाफ़ पाकिस्तान की आवाज़ दुनिया भर में उठी है।

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के लोगों में दुश्मन का सामना करने और उनसे छह नदियां वापस लेने की पर्याप्त ताकत है।

भाषा आशीष सुरेश

सुरेश