रफाह (गाजा पट्टी), 26 मार्च (एपी) हमास ने युद्ध विराम और बंधकों की रिहाई के लिए अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थों के एक ताजा प्रस्ताव को खारिज कर दिया है, वहीं इजराइल ने दोनों का आह्वान करने वाले संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के एक संकल्प पर नाराजगी जताई है।
गाजा में छह महीने से युद्ध चल रहा है। दोनों ने ही सोमवार देर रात रक्तपात को रोकने के नवीनतम अंतरराष्ट्रीय प्रयासों को खारिज कर दिया।
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा है कि इजराइल हमास को खत्म करने और कई बंधकों की वापसी के अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकता है यदि वह दक्षिणी शहर रफाह में अपने जमीनी हमले का विस्तार करता है, जहां गाजा की आधी से अधिक आबादी ने शिविरों में शरण ले रखी है।
हमास ने कहा है कि वह बंधकों को तब तक रोककर रखेगा जब तक इजराइल अधिक स्थायी युद्ध विराम पर सहमत नहीं हो जाता, गाजा से अपनी सेना वापस नहीं ले लेता और शीर्ष चरमपंथियों सहित सैकड़ों फलस्तीनी कैदियों को रिहा नहीं कर देता।
हमास ने सोमवार देर रात कहा कि उसने एक हालिया प्रस्ताव को खारिज कर दिया है जो उसकी मांगों को पूरा नहीं कर रहा था।
गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, युद्ध का कोई अंत नहीं दिख रहा है, जिसमें 32,000 से अधिक फलस्तीनी मारे जा चुके हैं। लड़ाई ने गाजा पट्टी के अधिकतर हिस्सों को बर्बाद कर दिया है, इसके अधिकतर निवासियों को विस्थापित कर दिया है और 23 लाख की आबादी में से एक तिहाई को भुखमरी के कगार पर पहुंचा दिया है।
अस्पताल के रिकॉर्ड और मृतकों के रिश्तेदारों के अनुसार, रफाह में एक आवासीय इमारत पर सोमवार देर रात इजराइली हमले में नौ बच्चों और चार महिलाओं सहित कम से कम 16 लोग मारे गए, जहां तीन विस्थापित परिवार शरण लिए हुए थे। एसोसिएटेड प्रेस के एक संवाददाता ने शवों को अस्पताल में आते देखा।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने सोमवार को मुस्लिमों के पवित्र महीने रमजान के दौरान गाजा में तत्काल युद्धविराम के प्रस्ताव को पारित किया।
हमास के बयान से कुछ समय पहले ही संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने गाजा में बंदी बनाए गए सभी लोगों की रिहाई और तत्काल युद्धविराम करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी।
इस संबंध में मतदान से इजराइल और अमेरिका के बीच गतिरोध पैदा हो गया। अमेरिका ने सोमवार को मतदान में अपने ‘वीटो’ अधिकार का इस्तेमाल नहीं करने का फैसला किया। जवाब में इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल की प्रस्तावित वाशिंगटन यात्रा को निरस्त कर दिया।
नेतन्याहू ने हमास की मांगों को खारिज कर दिया है।
फलस्तीनी चरमंथियों ने इजराइल में सात अक्टूबर को अचानक हमला कर लगभग 1,200 लोगों की हत्या कर दी थी और करीब 250 लोगों को बंधक बना लिया था, जिसके बाद युद्ध शुरू हो गया। माना जाता है कि हमास ने अब भी लगभग 100 लोगों को बंधक बना रखा है।
एपी वैभव मनीषा
मनीषा