International Sex Workers Day: जानें कैसे हुई इस अनोखे दिन की शुरुआत, किन हालातों से जूझ रहे हैं दुनियाभर के सेक्स वर्कर्स?…

International Sex Workers Day: जानें कैसे हुई इस अनोखे दिन की शुरुआत, किन हालातों से जूझ रहे हैं दुनियाभर के सेक्स वर्कर्स?…

International Sex Workers Day 2023

Modified Date: June 2, 2023 / 06:00 am IST
Published Date: June 2, 2023 6:00 am IST

नई दिल्ली: सेक्स वर्कर्स यानी यौनकर्मियों के Rights के बारे में जागरुकता फैलाने के उद्देश्य से दुनिया भर में 2 जून को अंतर्राष्ट्रीय यौनकर्मी अधिकार दिवस (International Sex Workers Day 2023) मनाया जाता है। जिससे वो भी बाकी लोगों की तरह ही सम्मान जनक ज़िंदगी जी सकें।

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दुनिया भर में यह दिवस मनाये जाने की वजह ये है कि तकरीबन 1970 के दशक में फ्रांसीसी पुलिस ने कुछ यौनकर्मियों को गुप्त रूप से काम करने के लिए मजबूर किया था। जिसके बाद यौनकर्मियों की सुरक्षा में कमी आई और उनके खिलाफ पहले से ज्यादा हिंसा होने लगी। इसको सहन न कर पाने और अमानवीय कामकाजी परिस्थितियों पर ध्यान आकर्षित करने के लिए वर्ष 1975 में 2 जून के दिन तकरीबन सौ यौनकर्मियों ने फ्रांस के ल्योन में सेंट-निज़ियर चर्च पर कब्जा कर लिया और हड़ताल पर चले गए। इसके बाद सेक्स वर्कर्स ने सरकार के सामने काम करने की अच्छी स्थिति और कलंक को समाप्त करने की मांग रखी थी।

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उन्होंने ये कदम अपने शोषणकारी जीवन स्थितियों के विषय में सरकार के प्रति अपना रोष व्यक्त करने के लिए उठाया था। लेकिन समाज का खुले तौर पर समर्थन न मिल पाने की वजह से 10 जून को पुलिस बलों द्वारा चर्च पर हमला किया गया और हमले के तकरीबन 8 दिन बाद यौनकर्मियों से चर्च को खाली करवा लिया गया। लेकिन पुलिस की इस कार्रवाई की वजह से सेक्स वर्कर्स की इस मुहिम ने बड़ा रूप ले लिया और एक राष्ट्रीय आंदोलन को जन्म दिया। जो फ्रांस से शुरू होकर दुनिया भर में फ़ैल गया। जिसके बाद से इस दिन को (International Sex Workers Day 2023) के रूप में मनाया जाने लगा।

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कोरोना के चलते बढ़ गयी दिक्कतें

कोरोना के चलते वैसे तो हर किसी की ज़िंदगी किसी न किसी रूप में प्रभावित हुई है। लेकिन सेक्स वर्कर्स पर इसका असर कुछ ज्यादा हुआ है। इसकी ख़ास वजह है इस महामारी के चलते लोगों का सोशल डिस्टेंसिंग नियम का पालन करना। इसकी वजह से दिल्ली के अजमेरी गेट से लाहौरी गेट तक लगभग डेढ़ किलोमीटर तक फैले जीबी रोड स्थित रेड लाइट एरिया में साल भर तक सन्नाटा पसरा रहा। जानकारी के अनुसार यहां मौजूद दुकानों के ऊपर बने मकानों में तकरीबन 4 हज़ार सेक्स वर्कर रहती हैं। कोरोनाकाल के दौरान केवल पच्चीस-तीस फीसदी वर्कर्स ही यहां कार्यरत और कोरोना के चलते इनको अपना भविष्य अनिश्चित लगने लगा। ये हाल केवल दिल्ली में रहने वाले सेक्स वर्कर्स का नहीं है बल्कि पूरे देश के सेक्स वर्कर्स का रहा। (International Sex Workers Day 2023) राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन (नाको) के अनुसार, भारत में लगभग 6,37,500 यौनकर्मी हैं जो रेड-लाइट क्षेत्रों में रह रहे हैं।

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