ईरान समर्थित शिया मलिशिया इराक के लिए बने चुनौती

ईरान समर्थित शिया मलिशिया इराक के लिए बने चुनौती

ईरान समर्थित शिया मलिशिया इराक के लिए बने चुनौती
Modified Date: November 29, 2022 / 08:04 pm IST
Published Date: March 31, 2021 11:26 am IST

बगदाद, 31 मार्च (भाषा) ईरान समर्थित शिया मलिशिया इराक के लिए चुनौती बनते जा रहे हैं। चेहरा ढके,मशीन गन और रॉकेट से दागे जाने वाले हथगोलों से लैस शिया लड़ाकों के काफिले को खुलेआम मध्य बगदाद से गुजरते हुए देखा जा सकता है। ये लड़ाके अमेरिका की वहां मौजूदगी से बेपरवाह हैं और इराकी प्रधानमंत्री का कान काटने तक की धमकी तक दें रहे हैं।

ईरान समर्थित मिलिशिया का खतरा ऐसे समय बढ़ा है जब इराक पड़ोसी अरब देशों के साथ संबंधों को सुधारने का प्रयास कर रहा है और आगामी चुनाव की तैयारी कर रहा है। खराब अर्थव्यस्था एवं वैश्विक महामारी के बीच इराक में अक्टूबर में चुनाव होने हैं।

पिछले हफ्ते मिलिशिया लड़ाकों का जुलूस प्रधानमंत्री मुस्तफा अल काधिमी की साख को भी कमतर करता दिखाई दिया। इस दौरान ईरान समर्थित मिलिशिया प्रमुख राजमार्ग से मंत्रालयों के नजदीक से गुजरे और इराकी सुरक्षा बल देखता रह गया।

 ⁠

अमेरिकी सरकार और इराक के बीच नए दौर की वार्ता शुरू होने से पहले यह चेतावनी संदेश माना जा रहा है कि मिलिशिया झुकेंगे नहीं।

अमेरिका और इराक के बीच कथित रणनीतिक वार्ता अगले हफ्ते होने वाली है।यह वार्ता इराक सरकार के अनुरोध पर हो रही है। माना जा रहा है कि यह शिया राजनीतिक धड़े और ईरान समर्थित मिलिशिया के दबाव के जवाब में हो रहा है जो इराक से बचे हुए अमेरिकी सैनिकों की वापसी के लिए दबाव बना रहे हैं।

पिछले साल जून में ट्रंप प्रशासन के दौर में शुरु हुई वार्ता , जो बाइडन के राष्ट्रपति बनने के बाद पहली बार होगी। इस वार्ता के एजेंडे में कई मुद्दे शामिल है जिनमें इराक में अमेरिकी लड़ाकू सैनिकों की मौजूदगी और राज्य के प्राधिकार से परे जाकर इराकी मिलिशिया के कार्य शामिल हैं।

अमेरिकी अधिकारी ने हाल में कहा था कि यह चर्चा भविष्य में अमेरिका-इराक संबंधों की रूपरेखा तय करेगी।

एपी धीरज उमा

उमा


लेखक के बारे में