Iran Israel War: ईरान को मिल गया था अमेरिकी हमले का इनपुट.. पहले से ही खाली कर दिए थे परमाणु ठिकाने! सैटेलाइट तस्वीरों से हुआ चौंकाने वाला खुलासा
Iran had received input about the US attack.. Nuclear bases were already evacuated

Iran Israel War. Image Source-IBC24
- अमेरिका ने ईरान के 3 अहम परमाणु ठिकानों पर बंकरफोड़ बमों से हमला किया।
- सैटेलाइट तस्वीरों से संकेत मिला कि ईरान ने हमले से पहले ठिकाने खाली कर लिए थे।
- ईरान-इजराइल संघर्ष में अब तक 657 ईरानी और 24 इजराइली नागरिकों की मौत हुई।
नई दिल्लीः Iran Israel War: अमेरिका ने ईरान में 3 परमाणु ठिकानों पर हमला किया। ये ठिकाने फोर्डो, नतांज और इस्फहान हैं। हमला भारतीय समयानुसार रविवार सुबह 4:30 बजे हुआ। ईरान पर हमले के करीब 13 घंटे बाद अमेरिकी रक्षा मंत्रालय ने हमले की डिटेल दी है। जॉइंट चीफ ऑफ स्टाफ जनरल डैन केन ने बताया कि इस मिशन में 125 एयरक्राफ्ट शामिल थे। इस ऑपरेशन में 7 B-2 स्टेल्थ बॉम्बर्स ने हिस्सा लिया, जिन्होंने ईरान के फोर्डो और नतांज न्यूक्लियर ठिकानों पर 13,608 किलो वजनी बस्टर बम गिराए। इस हमले के बाद लगातार सवाल उठाए जा रहे हैं कि अमेरिकी हमले में ईरान को कितना नुकसान हुआ है? तो चलिए समझते हैं।
Iran Israel War: वैसे तो अमेरिकी हमले से नुकसान की कोई अधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन कमर्शियल सैटेलाइट से आ रहीं तस्वीरों से संकेत मिलता है कि ईरान के फोर्डो न्यूक्लियर प्लांट पर अमेरिकी हमले में गहराई से दबी हुई साइट और उसमें स्थित यूरेनियम-एनरिच सेंट्रीफ्यूज गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हो गए और संभवतः नष्ट हो गए। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार यह दावा विशेषज्ञों ने रविवार को किया। संयुक्त राष्ट्र के पूर्व परमाणु निरीक्षक डेविड अलब्राइट, विज्ञान और अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा संस्थान के प्रमुख हैं। उनके अनुसार अमेरिका ने बस इन एमओपी से हमला किया। एमओपी यानी मैसिव ऑर्डनेंस पेनेट्रेटर, इसे बोलचाल की भाषा में अमेरिका का बंकरफोड़ बम भी कहा जा रहा है जो अंडरग्राउंड साइट को तबाह कर सकता है। डेविड अलब्राइट ने कहा, “मुझे उम्मीद है कि परमाणु साइट संभवतः फूंक गई है।”
क्या हमले के पहले ईरान ने परमाणु ठिकाना साफ कर दिया था?
कई विशेषज्ञों ने यह भी चेतावनी दी कि ईरान ने रविवार की सुबह हमले से पहले ही फोर्डो से लगभग हथियार-ग्रेड के अत्यधिक समृद्ध (शुद्ध) यूरेनियम के भंडार को ट्रांसफर कर दिया था। हो सकता है कि यूरेनियम भंडार के साथ और अन्य परमाणु घटकों को इजरायल, अमेरिका और संयुक्त राष्ट्र के परमाणु निरीक्षकों की नजरों से छिपाकर अज्ञात स्थानों पर ले जाया गया हो। विशेषज्ञों ने मैक्सार टेक्नोलॉजीज की तरफ से जारी सैटेलाइट इमेजरी पर ध्यान दिया। इसमें गुरुवार और शुक्रवार को फोर्डो में “असामान्य गतिविधि” दिखाई दे रही थी, जिसमें फोर्डो न्यूक्लियरसाइट के एंट्री गेट के बाहर वाहनों की लंबी कतार इंतजार कर रही थी। एक वरिष्ठ ईरानी सूत्र ने रविवार को रॉयटर्स को बताया कि अमेरिकी हमले से पहले अधिकांश हथियार-ग्रेड तक शुद्ध यूरेनियम (60% या अधिक) को एक अज्ञात स्थान पर ले जाया गया था। मोंटेरे में मिडिलबरी इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज के जेफरी लुईस ने कहा, “मुझे नहीं लगता कि आप बहुत आत्मविश्वास के साथ उनके परमाणु कार्यक्रम को कुछ साल पीछे करने के अलावा कुछ कर सकते हैं।। लगभग निश्चित रूप से ऐसी भी सुविधाएं (ठिकाने) हैं जिनके बारे में हम नहीं जानते हैं।”
ईरान में 13 जून से अब तक 657, इजराइल में 24 की मौत
इजराइल-ईरान के बीच जारी संघर्ष का आज 10वां दिन है। अमेरिका स्थित ह्यूमन राइट्स एक्टिविस्ट्स न्यूज एजेंसी के अनुसार, ईरान में 13 जून से अब तक 657 लोगों की मौत हुई है और 2000 से ज्यादा घायल हैं। हालांकि ईरान के स्वास्थ्य मंत्रालय ने सिर्फ 430 नागरिकों के मारे जाने और 3,500 लोगों के घायल होने की पुष्टि की है। वहीं, इजराइल में 21 जून तक 24 लोग मारे गए हैं, जबकि 900 से ज्यादा घायल हुए हैं।