बर्लिन, 27 अप्रैल (एपी) विश्व शक्तियों ने मंगलवार को वियना में उच्च स्तरीय वार्ता बहाल की और उसमें ईरान के साथ परमाणु समझौते में अमेरिका को वापस लाने पर बल दिया। कुछ समय पहले ईरान के विदेश मंत्री ने आरोप लगाया था कि रूस ने एक बार इस समझौते को तोड़ने की कोशिश की थी।
रूसी विदेश मंत्रालय ने ईरान के विदेश मंत्री मोहम्मद जवाद जरीफ की टिप्पणियों पर अभी तक कोई टिप्पणी नहीं की है। यह टिप्पणी जवाद ने ईरानी प्रेजीडेंसी से जुड़े एक थिंकटैंक के साथ सात घंटे के साक्षात्कार में की थी। सप्ताहांत को यह साक्षात्कार सामने आया था।
वियना वार्ता में रूस के शीर्ष प्रतिनिधि मिखाइल उल्यानोव ने भी बैठक से पहले कहा कि वह इस मौके पर ईरान और चीन के अधिकारियों के साथ भेंटवार्ता करेंगे। हालांकि उन्होंने जरीफ के आरोपों के बारे में कोई टिप्पणी नहीं की।
उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘ हमने इस बात पर विचार विमर्श किया कि कैसे परमाणु करार के क्रियान्वयन की दिशा में आगे बढ़ा जाए। यह सार्थक बैठक रही।’’
चीन, जर्मनी, फ्रांस और ब्रिटन के अपने समकक्षों के साथ मुख्य बैठक के बाद उन्होंने कहा कि वे ‘उद्देश्य की एकता से विनिर्दिष्ट हैं।’’
चीन के प्रतिनिधि वांग कुन ने कहा कि बुधवार को भी चर्चा जारी रहेगी।
उल्यानोव इसको लेकर सबसे अधिक आशावादी थे कि तेहरान और वाशिंगटन अमेरिका के 2015 के समझौते में शामिल होने की शर्तों पर सहमत हो जाएंगे।
यूरोपीय संघ की अध्यक्षता में होने वाली वार्ता के लिए उल्यानोव चीन, जर्मनी, फ्रांस और ब्रिटेन के प्रतिनिधियों के साथ शामिल हैं।
यूरोपीय संघ के प्रतिनिधिमंडल ने वार्ता से पहले कहा था, ‘‘प्रतिभागी समझौते में अमेरिका की संभावित वापसी और समझौते के पूर्ण और प्रभावी कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के तरीके पर चर्चा जारी रखेंगे।’’
अमेरिका वार्ता की मेज पर नहीं है क्योंकि अमेरिका तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के समय एकतरफा तौर पर 2018 में तहत समझौते से बाहर हो गया था।
यह समझौता ईरान को उसके परमाणु कार्यक्रम पर पाबंदियों के बदले आर्थिक प्रोत्साहन का वादा करता है।
एपी राजकुमार पवनेश
पवनेश