Iran Attack on US Military Bases: ईरान ने अमेरिका को दिया जवाब, कतर में स्थित सैन्य ठिकाने को बनाया निशाना, एक के बाद एक दागीं 6 मिसाइलें

ईरान ने अमेरिका को दिया जवाब, दोहा में सैन्य ठिकाने को बनाया निशाना, Iran responded to America, targeted military base in Doha

Iran Attack on US Military Bases: ईरान ने अमेरिका को दिया जवाब, कतर में स्थित सैन्य ठिकाने को बनाया निशाना, एक के बाद एक दागीं 6 मिसाइलें
Modified Date: June 24, 2025 / 12:17 am IST
Published Date: June 23, 2025 11:15 pm IST

नई दिल्लीः Iran Attack on US Military Bases: ईरान-इजरायल के बीच युद्ध गहराता जा रहा है। ईरान के तीन मुख्य परमाणु केंद्रों पर अमेरिकी हमलों के बाद स्थिति और भयावह होती जा रही है। इसी बीच अब ईरान ने अपने परमाणु ठिकानों पर हमलों का बदला लेने के लिए कतर में अमेरिका के अल-उदीद एयर मिलिट्री बेस पर 6 मिसाइलें दागी हैं। ईरानी सेना ने बहरीन में भी अमेरिकी सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कतर की राजधानी दोहा में कई धमाकों की आवाज सुनी गई है।

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कतर ने जारी किया बयान

ईरान के प्रधानमंत्री के सलाहकार और विदेश मंत्रालय के आधिकारिक प्रवक्ता ने एक्स पर कहा कि कतर राज्य ईरानी रिवोल्यूशनरी गार्ड द्वारा अल-उदीद एयर बेस को निशाना बनाकर किए गए हमले की कड़ी निंदा करता है। हम इसे कतर राज्य की संप्रभुता, उसके हवाई क्षेत्र, अंतर्राष्ट्रीय कानून और संयुक्त राष्ट्र चार्टर का घोर उल्लंघन मानते हैं। हम पुष्टि करते हैं कि कतर अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुरूप इस बेशर्मीपूर्ण आक्रमण की प्रकृति और पैमाने के बराबर तरीके से सीधे जवाब देने का अधिकार सुरक्षित रखता है। हम आश्वस्त करते हैं कि कतर की हवाई रक्षा ने हमले को सफलतापूर्वक विफल कर दिया और ईरानी मिसाइलों को रोक दिया। हमले की परिस्थितियों के बारे में एक विस्तृत बयान बाद में रक्षा मंत्रालय द्वारा जारी किया जाएगा।
हम इस बात पर भी जोर देते हैं कि इस तरह की बढ़ती सैन्य कार्रवाइयों की निरंतरता क्षेत्र में सुरक्षा और स्थिरता को कमजोर करेगी, इसे ऐसी स्थितियों में ले जाएगी जो अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए विनाशकारी परिणाम हो सकते हैं। हम सभी सैन्य कार्रवाइयों को तुरंत रोकने और बातचीत की मेज और संवाद पर गंभीरता से लौटने का आह्वान करते हैं। इसके अलावा, कतर राज्य क्षेत्र में इजरायल के बढ़ते खतरे के खिलाफ चेतावनी देने वाले पहले देशों में से एक था। हमने लगातार कूटनीतिक समाधानों को प्राथमिकता देने का आह्वान किया है और अच्छे पड़ोसी होने तथा तनाव को बढ़ने से रोकने के महत्व पर जोर दिया है। हम इस बात की पुष्टि करते हैं कि मौजूदा संकटों को दूर करने और क्षेत्र की सुरक्षा तथा इसके लोगों की शांति सुनिश्चित करने के लिए बातचीत ही एकमात्र तरीका है। क्षेत्र में तनाव को देखते हुए स्थापित सुरक्षा और एहतियाती उपायों के बाद बेस को पहले ही खाली करा लिया गया था। कतरी सशस्त्र बलों के सदस्यों, मित्र बलों और अन्य लोगों सहित बेस पर कर्मियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए गए थे। हम पुष्टि करते हैं कि हमले में कोई चोट या मानव हताहत नहीं हुआ।

ईरान की सुप्रीम नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल ने कही ये बात

Iran Attack on US Military Bases: ईरान की सुप्रीम नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल की ओर से जारी बयान में कहा गया, ‘जो तुम पर जिस तरह हमला करे, तुम भी उस पर उसी तरह हमला करो’। ईरान के परमाणु ठिकानों और फैसिलिटी पर अमेरिका की आक्रामक कार्रवाई के जवाब में ईरान की सेनाओं ने कुछ घंटे पहले कतर में स्थित अमेरिकी अल-उदीद एयरबेस को तबाह कर दिया है।’ बयान में कहा गया, ‘इस सफल अभियान में जितनी मिसाइलें इस्तेमाल की गईं, उनकी संख्या अमेरिका की ओर से ईरान के परमाणु ठिकानों पर गिराए गए बमों के बराबर थी। ईरान ने साफ किया कि ईरानी सेना की ओर से निशाना बनाया गया यह सैन्य अड्डा कतर के शहरी क्षेत्रों और रिहायशी इलाकों से काफी दूर था।’ ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) ने भी बयान जारी कर अमेरिकी सैन्य अड्डों पर हमले की पुष्टि की है।

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ईरान ने अमेरिका को दी थी चेतावनी

ईरान ने अमेरिकी प्रशासन को पहली बदला लेने की चेतावनी दी थी, जिसे लेकर अमेरिका पहले से तैयार था। ईरानी सेना के नए चीफ मेजर जनरल अमीर हातामी ने अमेरिका को चेतावनी देते हुए कहा था कि उन्हें कड़ा जवाब देंगे। अमीर हातामी ने कहा था, “हमने कई बार अमेरिका का सामना किया है। जब भी उन्होंने हम पर हमला करने की कोशिश की है, उन्हें कड़ा जवाब मिला है। हमारे कई सैनिक शहीद हुए हैं, लेकिन हम पूरी ताकत और साहस के साथ लड़ेंगे।”


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सवाल आपका है.. पत्रकारिता के माध्यम से जनसरोकारों और आप से जुड़े मुद्दों को सीधे सरकार के संज्ञान में लाना मेरा ध्येय है। विभिन्न मीडिया संस्थानों में 10 साल का अनुभव मुझे इस काम के लिए और प्रेरित करता है। कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय से इलेक्ट्रानिक मीडिया और भाषा विज्ञान में ली हुई स्नातकोत्तर की दोनों डिग्रियां अपने कर्तव्य पथ पर आगे बढ़ने के लिए गति देती है।