नाटो के शिखर सम्मेलन से ठीक पहले नेताओं ने दुनिया को ‘खतरनाक’ व अप्रत्याशित बताया |

नाटो के शिखर सम्मेलन से ठीक पहले नेताओं ने दुनिया को ‘खतरनाक’ व अप्रत्याशित बताया

नाटो के शिखर सम्मेलन से ठीक पहले नेताओं ने दुनिया को ‘खतरनाक’ व अप्रत्याशित बताया

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:53 PM IST, Published Date : June 28, 2022/9:43 pm IST

मैड्रिड, 28 जून (भाषा) यूक्रेन पर रूस के हमले से सुरक्षा को लेकर नाटो के दृष्टिकोण में मूलभूत बदलाव आया है और दुनिया में तेजी से बढ़ रही अस्थिरता के मद्देनजर सदस्य देशों को अब अपने सैन्य खर्च में इजाफा करना होगा। यह बात नाटो के शिखर सम्मेलन से पहले गठबंधन देशों के नेताओं ने मंगलवार को कही। नाटो महासचिव ने दुनिया को पहले से ‘अधिक खतरनाक’ और अप्रत्याशित बताया।

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और अन्य नाटो देशों के नेताओं का मैड्रिड पहुंचना शुरू हो गया है। नाटो के महासचिव जेन्स स्टोल्टेनबर्ग ने कहा कि मैड्रिड में संगठन के देशों का शिखर सम्मेलन आने वाले सालों में नॉर्थ अटलांटिक ट्रीटी ऑर्गेनाइजेशन (नाटो) गठबंधन की दिशा तय करेगा।

उन्होंने कहा कि यह शिखर सम्मेलन ‘अधिक खतरनाक और अप्रत्याशित दुनिया’ में गठबंधन के लिए एक खाका तैयार करेगा। स्टोल्टेनबर्ग ने कहा, ‘‘एक अधिक खतरनाक दुनिया में बचाव करने में सक्षम होने के लिए हमें अपनी रक्षा में अधिक निवेश करना होगा।’’

नाटो के 30 सदस्यों में से केवल नौ सदस्य रक्षा पर सकल घरेलू उत्पाद का दो फीसदी खर्च करने के संगठन के लक्ष्य को पूरा करते हैं।

बुधवार और गुरुवार की बैठकों में नेताओं के एजेंडे में सबसे ऊपर रूस के खिलाफ सुरक्षा मजबूत करना और यूक्रेन का समर्थन करना होगा। यूक्रेन पर 24 फरवरी के रूसी हमले ने यूरोपीय सुरक्षा को तार-तार कर दिया था।

रूस के आक्रमण ने स्वीडन और फिनलैंड को अपनी लंबे समय से चली आ रही गुटनिरपेक्षता की नीति को त्यागने और नाटो में शामिल होने के लिए आवेदन करने को प्रेरित किया। लेकिन तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन ने जोर देकर कहा है कि वह इन दोनों नॉर्डिक देशों को नाटो में केवल तभी प्रवेश करने देंगे, जब वे कुर्द विद्रोही समूहों पर अपना रुख बदलें।

तुर्की कुर्द विद्रोहियों को आतंकवादी मानता है। हालांकि, स्टोल्टेनबर्ग को उम्मीद है कि इस मामले में प्रगति होगी और तुर्की का मामला सुलझा लिया जाएगा।

स्वीडिश विदेश मंत्री एन लिंडे ने भी एक अखबार को बताया कि तुर्की के साथ बातचीत में प्रगति हुई है और मैड्रिड में ‘कुछ सकारात्मक’ हो सकता है, इसमें अधिक समय भी लग सकता है। उधर, तुर्की के नेता ने पीछे हटने का कोई संकेत नहीं दिया है।

एपी

संतोष पवनेश

पवनेश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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