सितंबर में फलस्तीनी राष्ट्र को मान्यता देने के मैक्रों के फैसले से इजराइल एवं अमेरिका नाराज

सितंबर में फलस्तीनी राष्ट्र को मान्यता देने के मैक्रों के फैसले से इजराइल एवं अमेरिका नाराज

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  • Publish Date - August 31, 2025 / 10:47 AM IST,
    Updated On - August 31, 2025 / 10:47 AM IST

पेरिस, 31 अगस्त (एपी) फलस्तीन को एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में मान्यता देने के फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के निर्णय के बाद अन्य पश्चिमी देशों ने भी इसी प्रकार के कदम उठाए जिसे लेकर इजराइल और उसके सहयोगी अमेरिका में नाराजगी है।

इस फैसले ने गाजा में जारी विनाशकारी युद्ध को समाप्त करने के कूटनीतिक प्रयासों के केंद्र में दो-राष्ट्र समाधान को एक बार फिर से ला खड़ा किया।

पिछले सप्ताह इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को लिखे एक पत्र में राष्ट्रपति मैक्रों ने लिखा, “फलस्तीनी जनता को उनका अपना राष्ट्र दिलाने के हमारे संकल्प की जड़ें इस विश्वास से जुड़ी हैं कि स्थायी शांति इजराइल की सुरक्षा के लिए अनिवार्य है।”

मैक्रों ने कहा, “फ्रांस के कूटनीतिक प्रयास गाजा में उस भयावह मानवीय आपदा पर हमारे आक्रोश से उत्पन्न हुए हैं, जिसका कोई औचित्य नहीं हो सकता।”

इजराइल ने शुक्रवार को गाजा के सबसे बड़े शहर को युद्ध क्षेत्र घोषित कर दिया। गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, सात अक्टूबर 2023 को हमास के नेतृत्व में इजराइल पर हमले के साथ शुरू हुए युद्ध में अब तक 63,000 से अधिक फलस्तीनी मारे जा चुके हैं।

फ्रांस, ब्रिटेन, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और माल्टा ने कहा है कि वे 23 सितंबर से शुरू हो रही संयुक्त राष्ट्र महासभा की वार्षिक बैठक के दौरान फलस्तीन को एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में मान्यता देने के अपने संकल्प को औपचारिक रूप देंगे। न्यूजीलैंड, फिनलैंड और पुर्तगाल सहित कुछ अन्य देश भी इसी तरह के कदम पर विचार कर रहे हैं।

नेतन्याहू ने फलस्तीनी राष्ट्र का दर्जा अस्वीकार कर दिया है और वह गाजा में सैन्य अभियान बढ़ाने की योजना बना रहे हैं।

इजराइल और अमेरिका का कहना है कि फलस्तीनी राष्ट्र को मान्यता देने से चरमपंथियों का हौसला बढ़ता है।

एपी प्रशांत सिम्मी

सिम्मी