मलेशिया की अदालत ने सजा का शेष भाग नजरबंद रहकर काटने की पूर्व प्रधानमंत्री की याचिका खारिज की

मलेशिया की अदालत ने सजा का शेष भाग नजरबंद रहकर काटने की पूर्व प्रधानमंत्री की याचिका खारिज की

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  • Publish Date - December 22, 2025 / 10:33 AM IST,
    Updated On - December 22, 2025 / 10:33 AM IST

कुआलालंपुर, 22 दिसंबर (एपी) मलेशिया की एक अदालत ने भ्रष्टाचार के एक मामले में पूर्व प्रधानमंत्री नजीब रज्जाक को दी गई सजा का शेष हिस्सा नजरबंद रहकर काटने की उनकी याचिका सोमवार को खारिज कर दी।

अदालत ने कहा कि देश के पूर्व राजा द्वारा जारी किया गया दुर्लभ शाही आदेश वैध नहीं है और इसे संवैधानिक प्रावधानों के अनुरूप जारी नहीं किया गया था।

नजीब के वकील ने अदालत को बताया कि वे इस फैसले के खिलाफ अपील करने की योजना बना रहे हैं।

पूर्व प्रधानमंत्री नजीब (72) सजा की शेष अवधि जेल में ही काटेंगे, जो अगस्त 2028 में समाप्त होनी है। इससे पहले उन्हें दी गई 12 साल की सजा को क्षमादान बोर्ड ने पिछले साल आधा कर दिया था।

नजीब अरबों डॉलर के 1एमबीडी (मलेशिया डेवलपमेंट बरहाद) राजकीय कोष की लूट से जुड़े मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद सजा काट रहे हैं। इस मामले के कारण 2018 में उनकी सरकार गिर गई थी।

नजीब को सत्ता के दुरुपयोग, आपराधिक विश्वासघात और धनशोधन के मामलों में 2020 में 12 साल जेल की सजा सुनाई गई थी, जिनमें 1एमडीबी की पूर्व इकाई एसआरसी इंटरनेशनल से उनके बैंक खातों में 4.2 करोड़ रिंगित (1.03 करोड़ डॉलर) भेजे जाने का मामला शामिल था।

नजीब ने सजा काटना अगस्त 2022 में शुरू किया था और वह जेल जाने वाले मलेशिया के पहले पूर्व नेता बने। उन्होंने अप्रैल 2024 में एक याचिका दायर कर कहा था कि उन्हें जानकारी मिली है कि तत्कालीन राजा सुल्तान अब्दुल्ला सुल्तान अहमद शाह ने एक आदेश जारी किया है जिसमें उन्हें सजा का शेष हिस्सा नजरबंद रहकर पूरा करने की अनुमति दी गई है।

नजीब ने दावा किया कि यह आदेश जनवरी 2024 में क्षमादान बोर्ड की बैठक के दौरान जारी किया गया था और इसी बैठक में उनकी सजा घटाई गई थी एवं जुर्माने में भारी कटौती की गई थी।

नजीब ने किसी भी तरह की गड़बड़ी में शामिल होने से इनकार करते हुए आरोप लगाया है कि मलेशियाई वित्त कारोबारी लो ताइक जो ने उन्हें धोखा दिया। इस घोटाले का कथित मास्टरमाइंड लो अब भी फरार है।

भाषा सिम्मी शोभना

शोभना