म्यांमा में तख्तापलट के बाद सैन्य कार्रवाई, विरोध प्रदर्शनों में मरने वालों की संख्या बढ़ी

म्यांमा में तख्तापलट के बाद सैन्य कार्रवाई, विरोध प्रदर्शनों में मरने वालों की संख्या बढ़ी

म्यांमा में तख्तापलट के बाद सैन्य कार्रवाई, विरोध प्रदर्शनों में मरने वालों की संख्या बढ़ी
Modified Date: November 29, 2022 / 08:22 pm IST
Published Date: April 3, 2021 11:44 am IST

यंगून, तीन अप्रैल (एपी) मध्य म्यांमा में सुरक्षा बलों ने तख्तापलट के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों पर शनिवार को गोली चला दी जिसमें दो लोगों की मौत हो गई। स्थानीय मीडिया ने यह जानकारी दी।

मानवाधिकारों के लिए काम करने वाले एक संगठन ने कहा है कि म्यांमा में एक फरवरी को तख्तापलट के बाद से बढ़ी हिंसा में कम से कम 550 नागरिक मारे गए हैं।

मानवाधिकार स‍ंगठन ‘असिस्टेंस एसोसिएशन फॉर पॉलिटिकल प्रिजनर्स’ ने शनिवार को बताया कि मृतकों में 46 बच्चे हैं। करीब 2,751 लोगों को हिरासत में लिया गया या सजा दी गई।

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म्यांमा में जानलेवा हिंसा और प्रदर्शनकारियों की गिरफ्तारी की धमकियां सेना को सत्ता छोड़ने और लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित सरकार को फिर से बहाल करने की मांग कर रहे प्रदर्शनों को दबाने में नाकाम रही हैं।

इस तख्तापलट ने दक्षिणपूर्वी एशियाई देश में लोकतंत्र की दिशा में हुई वर्षों की धीमी प्रगति पर पानी फेर दिया है।

म्यांमा नाउ समाचार सेवा ने खबर दी कि सरकारी बलों ने मध्य म्यांमा में शनिवार को प्रदर्शनकारियों पर गोलियां चला दीं जिसमें कम से कम दो लोगों की मौत हो गई।

सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए एक वीडियो में प्रदर्शनकारियों का एक समूह एक युवा शख्स को कंधे पर ले जाते दिख रहा है जिसमें उसके सिर पर गंभीर चोट आई है। उसकी हालत का तत्काल पता नहीं चल सका है।

म्यांमा नाउ ने स्थानीय बचाव टीम के हवाले से कहा कि गोलीबारी में कम से कम सात लोग घायल हुए हैं जिनमें से दो को गंभीर चोट आई है और सैनिकों ने उन्हें हिरासत में ले लिया है।

स्थानीय मीडिया ने प्रत्यक्षदर्शियों के हवाले से बताया कि शुक्रवार देर रात को सादे कपड़े पहने सशस्त्र पुलिसकर्मियों ने पांच लोगों को हिरासत में लिया। उन्होंने यंगून के एक बाजार में सीएनएन के एक पत्रकार से बात की थी। तीन अलग-अलग घटनाओं में गिरफ्तारियां हुई।

इस बीच दशकों से सरकार से लड़ रहे जातीय अल्पसंख्यक विद्रोही समूह का प्रतिनिधित्व करने वाले कारेन नेशनल यूनियन ने थाईलैंड की सीमा से लगते अपने गृहनगर में गांवों और निहत्थे नागरिकों के खिलाफ ‘‘लगातार बमबारी और हवाई हमलों’’ की निंदा की है।

क्षेत्र में काम कर रही एक राहत एजेंसी फ्री बर्मा रेंजर्स के अनुसार कारेन के नियंत्रण वाले इलाकों में 27 मार्च के बाद से 12 से अधिक नागरिक मारे गए और 20,000 से अधिक विस्थापित हो गए।

करीब 3,000 कारेन थाइलैंड भाग गए लेकिन अस्पष्ट परिस्थितियों में लौट आए हैं। थाई अधिकारियों का कहना है कि वे स्वेच्छा से लौटे हैं लेकिन सहायता समूहों का कहना है कि वे सुरक्षित नहीं हैं और कई लोग सीमा पर म्यांमा वाली तरफ जंगलों और गुफाओं में छिपे हुए हैं।

एपी नेहा पवनेश

पवनेश


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