नेपाल के प्रधानमंत्री ने निर्वाचन आयोग से पारदर्शी, निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने को कहा

नेपाल के प्रधानमंत्री ने निर्वाचन आयोग से पारदर्शी, निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने को कहा

नेपाल के प्रधानमंत्री ने निर्वाचन आयोग से पारदर्शी, निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने को कहा
Modified Date: November 29, 2022 / 08:41 pm IST
Published Date: May 22, 2021 11:45 am IST

काठमांडू, 22 मई (भाषा) नेपाल के प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली ने शनिवार को निर्वाचन आयोग से भंग प्रतिनिधि सभा के आगामी चुनाव के लिए आवश्यक तैयारी शुरू करने और पारदर्शी तथा निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने को कहा है।

राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी ने प्रतिनिधि सभा को भंग कर 12 और 19 नवंबर को मध्यावधि चुनाव कराने का फैसला किया है। प्रधानमंत्री ओली और विपक्षी गठबंधन के उम्मीदवार शेर बहादुर देउबा के सरकार बनाने की स्थिति में नहीं होने के चलते ऐसा निर्णय किया गया।

मध्य रात्रि में मंत्रिमंडल की आपात बैठक के बाद 275 सदस्यीय प्रतिनिधि सभा को भंग करने की ओली की सिफारिश के बाद राष्ट्रपति ने इसकी घोषणा की।

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‘माय रिपब्लिका’ के मुताबिक निर्वाचन आयोग के आयुक्तों के साथ बैठक में प्रधानमंत्री ओली ने कहा कि संसदीय चुनाव अपरिहार्य हैं।

ओली के प्रेस सलाहकार सूर्य थापा के मुताबिक, ‘‘प्रधानमंत्री ने निर्वाचन आयोग को निर्धारित समय पर चुनाव कराने के लिए तैयारियां तेज करने का निर्देश दिया।’’

सरकारी अखबार ‘द रायजिंग नेपाल’ के मुताबिक सीपीएन-यूएमएल के मुख्य सचेतक विशाल भट्टराई ने कहा कि ओली ने पारदर्शी और निष्पक्ष चुनाव करवाने पर जोर दिया है।

ओली और राष्ट्रपति भंडारी पर ऐसे समय में गैर-जिम्मेदाराना तरीके से काम करने का आरोप लगा है जब देश कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर का सामना कर रहा है।

नेपाल में कोरोना वायरस संक्रमण के अब तक 497,052 मामले आए हैं और 6024 लोगों की मौत हुई है।

नेपाल के विपक्षी गठबंधन के नेताओं ने प्रतिनिधि सभा को भंग करने के ‘‘असंवैधानिक और अलोकतांत्रिक’’ कदमों के खिलाफ सभी कानूनी और राजनीतिक विकल्पों को आजमाने का फैसला किया है।

भाषा आशीष दिलीप

दिलीप


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