नई बीमारी.. कोविड जैसे ही हैं लक्षण.. अब इस बुखार ने बढ़ाया लोगों का टेंपरेचर

नई बीमारी.. कोविड जैसे ही हैं लक्षण.. अब इस बुखार ने बढ़ाया लोगों का टेंपरेचर

नई बीमारी.. कोविड जैसे ही हैं लक्षण.. अब इस बुखार ने बढ़ाया लोगों का टेंपरेचर

Edited By :   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:37 PM IST, Published Date : March 30, 2022/3:43 pm IST

नई दिल्ली। दुनिया में फैली कोरोना वायरस के बीच बुखार से जुड़ी एक बीमारी सामने आई है, जो तेजी से पैर पसार रही है। आने वाले समय में यह बीमारी दुनिया के लिए नई चुनौती खड़ी कर सकती है। लासा फीवर नाम की इस बीमारी से नाइजीरिया में लोग तेजी से संक्रमित हो रहे हैं और इस बीच एक्सपर्ट्स का कहना है कि कोरोना महामारी के बीच लासा फीवर का प्रकोप बढ़ता है तो नाइजीरिया समेत दुनिया के अन्य देशों के लिए भी मुश्किल बढ़ सकती है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, लासा फीवर एक्यूट वायरल हैमरेजिक फीवर होता है, जो लासा वायरस के कारण होता है। लासा का संबंध वायरसों के परिवार एरिनावायरस से है और मनुष्य आमतौर पर इसकी चपेट में अफ्रीकी मल्टीमैमेट चूहों से आते हैं। मनुष्य पर लासा फीवर का प्रभाव दो से 21 दिन तक रहता है।

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नाइजीरिया सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल के आंकड़ों के अनुसार, देश में अब तक 659 लोगों में लासा फीवर से संक्रमण की पुष्टि हुई है, जबकि इस साल 88 दिनों में लासा फीवर से 123 लोगों की मौत हो चुकी है। इसके अलावा ब्रिटेन में भी लासा फीवर के तीन मरीज मिले हैं, जिसमें से एक की मौत हो चुकी है।

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डब्ल्यूएचओ के अनुसार, लासा वायरस की चपेट में आने पर व्यक्ति को तेज बुखार, सिर दर्द, गले में खराश, मांसपेशी में दर्द, सीने में दर्द, डायरिया, खांसी, पेट में दर्द और जी मिचलाने जैसे लक्षण नजर आते हैं। गंभीर मरीजों में चेहरे पर सूजन, फेफड़ों में पानी, मुंह और नाक से खून निकलने लगता है। इसके अलावा मरीज के ब्लड प्रेशर में भी तेजी से गिरावट आने लगती है।

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लासा बुखार को लेकर सबसे बड़ी टेंशन यह है कि इसके 80 फीसदी मामले एसिम्पटोमेटिक होते हैं, जिसकी वजह से इसका पता लगाना काफी मुश्किल है। यूरोपीयन सेंटर फॉर डिजीज प्रिवेंशन एंड कंट्रोल के मुताबिक कुछ मरीजों को अस्पताल में भर्ती करवाना पड़ता है और उनकी बीमारी काफी गंभीर हो सकती है। लासा वायरस से पीड़ित अस्पताल में दाखिल होने वाले मरीजों में से 15 फीसदी तक की मौत हो सकती है।

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एक्सपर्ट्स के अनुसार, लासा बुखार संक्रमित चूहे के मल-मूत्र के जरिए फैलता है और अगर कोई व्यक्ति चूहे के मल-मूत्र के संपर्क में आता है तो वह लासा बुखार से संक्रमित हो सकता है। इसके बाद संक्रमित संक्रमित व्यक्ति अन्य लोगों को भी संक्रमित कर सकता है। कुछ मामलों में संक्रमित व्यक्ति के शारीरिक तरल पदार्थ या श्लेष्मा झिल्ली जैसे आंख, मुंह, नाक के संपर्क में आने से भी संक्रमण फैल सकता है।