(अदिति खन्ना)
लंदन, 20 दिसंबर (भाषा) लंदन की एक अदालत ने भारत में धोखाधड़ी और धन शोधन के आरोपों में वांछित भगोड़े हीरा व्यापारी नीरव मोदी की उस याचिका को स्वीकार कर लिया है, जिसमें उसने ब्रिटेन की जेल में कागजी कार्रवाई में देरी के कारण बैंक ऑफ इंडिया के एक असंबंधित बकाया ऋण मामले में सुनवाई को मार्च तक स्थगित करने का अनुरोध किया था।
लगभग दो अरब अमेरिकी डॉलर के पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) ऋण घोटाले के सिलसिले में अपने भारत प्रत्यर्पण का विरोध कर रहे नीरव (54) को अक्टूबर में दक्षिण लंदन की थेम्साइड जेल से उत्तरी लंदन स्थित एचएमपी पेंटनविले जेल में स्थानांतरित कर दिया गया, ताकि लंदन में उच्च न्यायालय में उसकी पेशी हो सके।
शुक्रवार को लगभग 80 लाख अमेरिकी डॉलर के बैंक ऑफ इंडिया ऋण धोखाधड़ी मामले की ऑनलाइन समीक्षा सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति साइमन टिंकलर ने महत्वपूर्ण कानूनी दस्तावेजों तक पहुंच प्रदान करने में ब्रिटेन के जेल अधिकारियों की ओर से की गई देरी के बाद, जनवरी में की जाने वाली आठ दिन की सुनवाई को टालने के नीरव के आवेदन को आंशिक रूप से स्वीकार कर लिया और सुनवाई तीन मार्च तक स्थगित कर दी।
न्यायमूर्ति टिंकलर ने कहा, ‘मेरे विचार में, इस बात पर कुछ संदेह अवश्य होना चाहिए कि अगर वे कागजात वास्तव में अभी भी मौजूद हैं, तो क्या वे कभी नीरव मोदी तक पहुंच पाएंगे।’
उन्होंने कहा, ‘मुझे ऐसा लगता है कि दस्तावेज को पेश करने में विफलता, खासतौर पर उस तारीख पर जब एक महत्वपूर्ण धनराशि से जुड़े मुकदमे की सुनवाई में केवल चार हफ्ते का समय बाकी है, नीरव मोदी को ऐसी स्थिति में डालता है, जहां मैं संतुष्ट नहीं हूं कि अगर मुकदमा आगे बढ़ता है तो वह निष्पक्ष होगा।’
न्यायमूर्ति टिंकलर ने कहा, “इसके मद्देनजर मैं मामले की सुनवाई स्थगित करने की नीरव की अर्जी मंजूर करने का प्रस्ताव कर रहा हूं। हालांकि, मुझे अक्टूबर तक सुनवाई स्थगित करने का कोई कारण नजर नहीं आता।”
भाषा पारुल माधव
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