अमेरिका का राष्ट्रपति बनने से पहले ही भारत का विरोध, CAA-NRC को लेकर डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार ने कही ये बात.. देखिए

अमेरिका का राष्ट्रपति बनने से पहले ही भारत का विरोध, CAA-NRC को लेकर डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार ने कही ये बात.. देखिए

अमेरिका का राष्ट्रपति बनने से पहले ही भारत का विरोध, CAA-NRC को लेकर डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार ने कही ये बात.. देखिए
Modified Date: November 29, 2022 / 08:02 pm IST
Published Date: June 26, 2020 3:05 pm IST

वाशिंगटन। अमेरिका में आने वाले नवंबर महीने में राष्ट्रपति के चुनाव होंगे, जिसमें डेमोक्रेटिक पार्टी की तरफ से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों में सबसे आगे चल रहे ‘जो बाइडन’ ने कश्मीर और नागरिकता (संशोधन) कानून को लेकर भारत के विरोध में बातें कही है। उन्होंने कहा है कि कश्मीरियों को उनके अधिकार दिलाने के लिए भारत को जरूरी कदम उठाने चाहिए, जो बाइडन ने नागरिकता (संशोधन) कानून और एनआरसी लागू करने को लेकर भी निराशा व्यक्त की।

ये भी पढ़ें: watch video : पाक PM इमरान ने ओसामा-बिन-लादेन को बताया ‘शहीद’, नेशनल असेंबली …

जो बाइडन के कैंपेन वेबसाइट पर प्रकाशित ‘मुस्लिम अमेरिकी समुदाय के लिए एजेंडा’ शीर्षक से प्रकाशित पॉलिसी पेपर में कहा गया है कि नागरिकता (संशोधन कानून) और NRC जैसे कदम भारतीय लोकतंत्र की बहुसंस्कृतिवाद और धर्मनिरपेक्षता की लंबी परंपरा के विरुद्ध है। वहीं हिंदू-अमेरिकियों के एक समूह ने बाइडन के कैंपेन में भारत के खिलाफ इस्तेमाल हुई भाषा को लेकर विरोध जाहिर किया है।

 ⁠

ये भी पढ़ें: रूस में व्लादिमीर पुतिन 2036 तक बने रह सकते हैं राष्ट्रपति, संविधान…

पॉलिसी पेपर में कहा गया है कि बाइडन मुस्लिम देशों और मुस्लिम आबादी वाले देशों में हो रहे घटनाक्रमों को लेकर मुस्लिम-अमेरिकियों के दर्द को समझते हैं, इस दस्तावेज में चीन के वीगर मुसलमानों को डिटेंशन कैंप में रखे जाने के साथ कश्मीर और असम का भी जिक्र है, इसके अलावा, म्यांमार में रोहिंग्या मुस्लिम अल्पसंख्यकों के खिलाफ हो रहे भेदभाव और उत्पीड़न के बारे में भी बातें कही गई हैं।

ये भी पढ़ें: पाकिस्तान अब भी आतंकियों के लिए सुरक्षित ठिकाना, अमेरिका ने अपनी रि…

इसमें कहा गया है, “कश्मीर में भारत सरकार को कश्मीरियों के अधिकारों को लौटाने के लिए सभी जरूरी कदम उठाने चाहिए, असंतोष को दबाने, विरोध-प्रदर्शन करने से रोकने या इंटरनेट बंद करने से लोकतंत्र कमजोर होता है। बता दें कि भारत सरकार सीएए और कश्मीर को आंतरिक मामला करार देते हुए बाहरी संगठनों और दूसरे देशों के हस्तपेक्ष को खारिज कर चुकी है। सरकार का कहना है कि नागरिकता कानून का उद्देश्य पड़ोसी देशों के प्रताड़ित अल्पसंख्यकों की सुरक्षा करना है।

ये भी पढ़ें: चीन ने अब नेपाल के 10 जगहों पर किया कब्जा, चीनी कब्जे में रुई गुवान…


लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com