पाक विदेश मंत्री ने इमरान खान की पार्टी से मामले को और खराब नहीं करने को कहा |

पाक विदेश मंत्री ने इमरान खान की पार्टी से मामले को और खराब नहीं करने को कहा

पाक विदेश मंत्री ने इमरान खान की पार्टी से मामले को और खराब नहीं करने को कहा

:   Modified Date:  May 11, 2023 / 06:05 PM IST, Published Date : May 11, 2023/6:05 pm IST

कराची, 11 मई (भाषा) पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो-जरदारी ने बृहस्पतिवार को कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी के लोग ‘‘ मामले को और खराब न करें” और उनकी गिरफ्तारी के खिलाफ अपने हिंसक प्रदर्शन को बंद करें।

भुट्टो-जरदारी ने यह भी कहा कि वह संवेदनशील सरकारी प्रतिष्ठानों पर हमला करने के बावजूद पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) को प्रतिबंधित करने के पक्ष में नहीं हैं।

पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के प्रमुख ने प्रेस वार्ता में कहा कि भ्रष्टाचार के एक मामले में खान की गिरफ्तारी पर पीटीआई की प्रतिक्रिया ‘पूरी तरह से अनुचित’ है।

‘डॉन’ अखबार की खबर के मुताबिक, उन्होंने पीटीआई नेतृत्व को सलाह दी कि ‘मामले को और खराब न करें (और) हिंसक प्रदर्शन को खत्म करने का आह्वान करें।’

राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) के आदेश पर मंगलवार को अर्द्धसैनिक बल ‘रेंजर्स’ ने इस्लामाबाद उच्च न्यायालय के एक कक्ष में घुस कर खान (70) को हिरासत में ले लिया था।

उनकी नाटकीय गिरफ्तारी के बाद पूरे पाकिस्तान में व्यापक हिंसक प्रदर्शन शुरू हो गए जिनमें प्रदर्शनकारियों और सुरक्षा बलों के बीच संघर्ष में कम से कम आठ लोग मारे गए और लगभग 300 अन्य घायल हो गए।

भुट्टो-जरदारी ने कहा, “ (प्रदर्शन) हिंसक हैं और इसने ऐसे हालात पैदा कर दिए हैं जिसमें गंभीर बातचीत की जरूरत है। हिंसा में शामिल लोगों को जवाबदेह ठहराया जाएगा।”

उन्होंने पीटीआई समर्थकों से मांग की कि वे ‘घोषित करें कि वे कानून और संविधान के शासन का पालन करेंगे।” साथ ही यह भी कहा कि वे यह स्वीकार करें कि वे एनएबी के खिलाफ नागरिकों के तौर पर प्रदर्शन करेंगे न कि आतंकवादियों के तौर पर।

‘एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ अखबार की खबर के मुताबिक, मंत्री ने कहा, “ जो होना था हो चुका है। चीज़ों को अपने लिए और मुश्किल न बनाएं।”

खान के समर्थकों ने रावलपिंडी में सेना के जनरल मुख्यालय पर धावा बोल दिया। इसके अलावा लाहौर कोर कमांडर के आवास में आग लगा दी जबकि सैन्य वाहनों और प्रतिष्ठानों पर हमला किया।

इसके बाद कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए देश की राजधानी के साथ-साथ पंजाब, खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान प्रांतों में सेना तैनात की गई है।

भुट्टो-जरदारी ने कहा कि पाकिस्तान की सरकार और सेना ने बहुत संयम दिखाया है तथा जनरल के घर पर या सशस्त्र बलों के मुख्यालय पर किसी और देश में हमला हुआ होता तो प्रदर्शनकारियों को सीधे गोली मार दी जाती।

उन्होंने कहा कि रावलपिंडी में पाकिस्तानी सेना जनरल मुख्यालय पर सिर्फ दो बार हमला किया गया– एक बार प्रतिबंधित तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) ने और दूसरे बार खान के समर्थकों ने।

भुट्टो-जरदारी ने कहा कि वह ‘सैद्धांतिक तौर से किसी भी राजनीतिक दल पर प्रतिबंध लगाने के खिलाफ हैं’, लेकिन साथ ही कहा कि ‘ऐसे फैसले परिस्थितियों को देखते हुए किए जाते हैं।”

उन्होंने कहा, “ अगर ऐसा फैसला लिया जाएगा तो तब लिया जाएगा जब इसके अलावा कोई चारा नहीं बचेगा।”

खान की पार्टी को आड़े हाथों लेते हुए विदेश मंत्री ने कहा कि एक राजनीतिक दल के रूप में, वे अपनी प्रतिक्रिया को सिर्फ राजनीति तक सीमित रखते।

मंत्री ने कहा, “ ‘पीटीआई ने पहले ही तय कर लिया था कि उनकी प्रतिक्रिया राजनीतिक नहीं होगी और वे एक उग्रवादी संगठन बन जाएंगे और वे पत्थर और बंदूकें उठाएंगे और राज्य पर हमला करेंगे।’

उन्होंने कहा, “ कल हुई आतंकी गतिविधियों के बाद किसी भी संगठन को कार्रवाई का सामना करना पड़ता।”

राष्ट्र के नाम संबोधन में, प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कहा कि ‘राष्ट्र के दुश्मनों’ के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी और उन्होंने हिंसक प्रदर्शनों के लिए खान के समर्थकों की आलोचना की।

भाषा नोमान नरेश

नरेश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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