पाकिस्तान ने पहलगाम आतंकी हमले में पर्यटकों की मौत पर शोक जताया

पाकिस्तान ने पहलगाम आतंकी हमले में पर्यटकों की मौत पर शोक जताया

पाकिस्तान ने पहलगाम आतंकी हमले में पर्यटकों की मौत पर शोक जताया
Modified Date: April 23, 2025 / 04:06 pm IST
Published Date: April 23, 2025 4:06 pm IST

इस्लामाबाद, 23 अप्रैल (भाषा) पाकिस्तान ने बुधवार को कहा कि वह जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले में पर्यटकों के मारे जाने पर शोक व्यक्त करता है।

मंगलवार को हुए इस हमले में 26 लोग मारे गए जिनमें से ज्यादातर पर्यटक हैं।

विदेश कार्यालय के प्रवक्ता ने हमले के बारे में मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए कहा, ‘‘हम अनंतनाग जिले में हुए हमले में पर्यटकों की जान जाने से चिंतित हैं। हम मृतकों के परिजनों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करते हैं और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करते हैं।’’

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कश्मीर के पहलगाम में एक प्रमुख पर्यटन स्थल पर मंगलवार को आतंकवादियों ने गोलीबारी की, जिसमें कम से कम 26 लोग मारे गए। मृतकों में ज्यादातर पर्यटक थे। यह 2019 में पुलवामा हमले के बाद घाटी में सबसे घातक हमला है।

पाकिस्तान स्थित प्रतिबंधित लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के सहयोगी ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (टीआरएफ) ने मंगलवार को हमले की जिम्मेदारी ली।

अधिकारियों ने कहा कि यह संभव है कि आतंकवादी समूह के सदस्य जम्मू के किश्तवाड़ से दक्षिण कश्मीर के कोकेरनाग के रास्ते बैसरन पहुंचे हों।

पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर ने कुछ दिन पहले कश्मीर को पाकिस्तान की ‘गले की नस’ बताया था, जिस पर नयी दिल्ली की ओर से तीखी प्रतिक्रिया आई थी।

जनरल मुनीर ने 15 अप्रैल को इस्लामाबाद में पहले प्रवासी पाकिस्तानी सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा था, ‘‘हमारा रुख बिल्कुल स्पष्ट है, यह हमारी गले की नस थी, यह हमारी गले की नस रहेगी और हम इसे नहीं भूलेंगे। हम अपने कश्मीरी भाइयों को उनके वीरतापूर्ण संघर्ष में अकेला नहीं छोड़ेंगे।’’

इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ, वरिष्ठ मंत्री और विदेशों में रहने वाले पाकिस्तानी भी शामिल हुए।

भारत ने मुनीर की टिप्पणी की निंदा की थी।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा था, ‘‘कोई विदेशी चीज कैसे गले की नस बन सकती है? यह भारत का एक केंद्र शासित प्रदेश है। पाकिस्तान के साथ इसका एकमात्र संबंध उस देश द्वारा अवैध रूप से कब्जाए गए क्षेत्रों को खाली करना है।’’

भाषा यासिर शफीक

शफीक


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