कराची, 29 अप्रैल (भाषा) अपने दो नाबालिग बच्चों के इलाज के लिए नई दिल्ली आए पाकिस्तान के एक परिवार को पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत सरकार के आदेश के तहत सर्जरी की प्रक्रिया अधूरी छोड़कर ही सिंध के हैदराबाद शहर लौटना पड़ा।
नौ साल के तल्हा और सात साल के ताहा के पिता शाहिद अली ने मंगलवार को कहा कि वह अपने बेटों के कई परीक्षण और मेडिकल वीजा प्राप्त करने की लंबी प्रक्रिया के बाद मार्च में उनके साथ नई दिल्ली गए थे। उनके दोनों बेटों को जल्द से जल्द जीवन रक्षक इलाज की जरूरत है।
उन्होंने कहा, ‘‘दुर्भाग्य की बात है कि पहलगाम की घटना के बाद हालात बदल गए और हमारे पास इतना भी वक्त नहीं था कि हमारी अपील को ठीक से सुना जाए।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमने बहुत पैसा खर्च किया, लेकिन यह मुद्दा नहीं है। सबसे दुखद बात यह है कि दिल्ली में चिकित्सकों के सर्वोत्तम प्रयासों के बावजूद प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी।’’
अली ने पाकिस्तानी सरकार से किसी अन्य देश में अपने दोनों बेटों के लिए जीवन रक्षक उपचार की व्यवस्था करने की अपील की।
सोमवार को एक और पाकिस्तानी युवक अयान भी अपने परिवार के साथ नयी दिल्ली से लौट आया। उसकी एक साल पुरानी बीमारी का इलाज पूरा नहीं हो पाया था।
अयान को पुलिस ने गलतफहमी में गोली मार दी थी और उसके शरीर का निचला हिस्सा लकवाग्रस्त हो गया था।
पहलगाम हमले के बाद भारत सरकार ने यात्रा और चिकित्सा उपचार सहित विभिन्न वीजा श्रेणियों के तहत भारत जाने वाले सभी पाकिस्तानियों को 28 अप्रैल तक देश छोड़ने का आदेश दिया था, अन्यथा उन्हें कारावास का सामना करना होगा।
खबरों के अनुसार पिछले तीन दिन में कुल 610 पाकिस्तानी भारत से लौट आए, जबकि लगभग 850 भारतीय नागरिक पाकिस्तान से भारत लौट गए।
भाषा वैभव नरेश
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